ज़िंदगी कब किसी इंसान को दोराहे पर लाकर खड़ा कर दें यह कोई नहीं कह सकता और उसी दोराहे पर आकर कोई इंसान अपनी मंजिलों से भटक जाता है तो वहीं कोई अपने मंजिलों को पाकर एक नया मुकाम हासिल कर लेता है। एक समय था, जब इसी दोराहे पर डॉ राजेंद्र भारुड की ज़िन्दगी […]