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कोरोना संक्रमण में भक्तों की सेवा के लिए महावीर मंदिर ट्रस्ट से बिहार में सात अस्पताल चलाए जा रहे हैं. महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल में कोरोना पीड़ित बचों के लिए 60 बेड का अलग से इंतजाम किया जा रहा है. कोरोना और लॉकडाउन में कारण पिछले कई दिनों से बंद पटना महावीर मंदिर में वित्तीय संकट आ गया है. महावीर मंदिर की तरफ से चलाये जा रहे अस्पतालों और कोरोना काल में चल रहे जन कल्याण के कामों को पैसे कमी की वजह से रोकना ना पड़े, लिहाजा ट्रस्ट बैंक से लोन लेगा

पटना का महावीर मंदिर देश की उन मंदिरों में शामिल है, जहां धर्म को परोपकार से जोड़ा गया है. मंदिर लगभग सालभर से ज्यादा वक्त से बंद है. साल 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से पटना का महावीर मंदिर कुछ दिनों को छोड़कर भक्तों के लिए वैसे तो बंद है लेकिन मंदिर की तरफ से जनकल्याण के काम किए जा रहे हैं. चाहे गरीबों को मुफ्त में खाना खिलाना हो अस्पताल में किफायती दरों पर गरीब लोगों का इलाज करना हो या फिर फ्री ऑक्सीजन देना हो, महावीर मंदिर हमेशा से आगे रहा है लेकिन अब जनकल्याण के इन कामों के लिए बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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मंदिर के मुख्य आय का स्रोत भक्तों द्वारा मिलने वाला चढ़ावा या फिर नैवेद्यम की बिक्री है लेकिन जब मंदिर बंद है तो आमदनी भी बंद हो गयी है. ट्रस्ट की से चलाए जा रहे 7 अस्पताल और कोरोना संकट में चलाए जा रहे जन कल्याण का कार्य प्रभावित ना हो, इसके लिए बैंक से लोन लेने की तैयारी है.

मंदिर प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक हनुमान मंदिर की एफडी के एवज में बैंक से कर्ज लेकर जन कल्याण के कामों को जारी रखा जाएगा. इसके साथ ही महावीर मंदिर बिहार में अपने साथ बड़े अस्पतालों में गरीब मरीजों का इलाज लगातार करता रहेगा. आचार्य किशोर कुणाल ने जानकारी दी कि जून महीने में कोरोना पीड़ित बच्चों के लिए महावीर वात्सल्य में 60 बेड का अलग से अस्पताल चालू हो जाएगा.

साभार – News 18

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