Overview:

* 155 करोड़ रूपए से किया जायेगा पंडुका पुल का निर्माण
* IIT के नए डिजाइन पर बिहार में बनेगा पंडुका पुल
* बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड राज्यों को मिलेगा इस पुल का लाभ

Bihar News: बिहारवालों एक बार और हो जाएँ खुश क्योकिं अब नए सिरे से बिहार के रोहतास जिला में किया जा रहा पंडुका पुल का निर्माण कई राज्यों को मिलेगा इस पुल का सीधे तौर पर लाभ. बिहार राज्य में अभी एक पर एक शानदार एक्सप्रेसवे, फोरलेन सड़क और पुल – पुलिया का निर्माण इस वर्ष किया जा रहा है क्योकिं इसी साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. बिहार में इस साल चुनाव को लेकर मुख्मंत्री नितीश कुमार के द्वारा इस साल कई सारे एक्सप्रेसवे और फोरलेन सड़क का उध्गाटन भी कर दिया गया.

आपको बता दे की अभी हाल ही में बिहार की राजधानी पटना में डबल डेकर पुल बनकर तैयार हुआ है जिसे मुख्मंत्री नितीश कुमार द्वारा इस महीने के 11 तारीख को उस पुल का उध्गाटन कर लोगों का आवागमन भी उसी दिन से उस डबल डेकर पुल पर शुरू कर दिया गया है. अब पटना में डबल डेकर पुल पर लोगों का आवागमन से पटना में ट्रैफिक की समस्या भी खत्म हो गयी है. हालाकिं इसी साल बिहार राज्य में बहुत दिनों से रुका हुआ पंडुका पुल का निर्माण भी नए सिरे से शुरू किया जाएगा.

आपको बता दे की सोन पर बनने वाला पंडुका पुल का निर्माण की योजना पहले 210 करोड़ रुपये में तैयार हुई थी जिसका ठेका ब्रजेश अग्रवाल कंपनी को 144 करोड़ रुपये में दिया गया था. दिसंबर 2022 में में इस पुल के 41 पायों में से 33 पायों का निर्माण किया गया था. लेकिन मई 2023 में एक पाये में दरार आने के बाद निर्माण कार्य पर गंभीर सवाल खड़े हुए. इसके बाद पुल निर्माण निगम ने जांच के लिए आईआईटी की टीम भेजी जिसने निर्माण कार्य में तकनीकी खामियां पाई और काम को रोकने की सिफारिश की.

आईआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर पुल निर्माण निगम ने ब्रजेश अग्रवाल कंपनी को ब्लैकलिस्ट करते हुए 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और निर्माण कार्य को पूरी तरह रोक दिया. हालाकिं अब इस पंडुका पुल का निर्माण आईआईटी द्वारा दिए गए नए तकनीकी डिजाइन के आधार पर 155 करोड़ रुपये से दोबारा कराया जाएगा. बिहार में बनने वाले यह पंडुका पुल बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य को आपस में जोड़ेगी. बिहार में इस पुल के निर्माण हो जाने से नौहट्टा, सासाराम, डेहरी, चेनारी समेत सीमावर्ती के पास दर्जनों गांवों को बड़ा लाभ मिलेगा. इन क्षेत्रों के लोगों को अब सोन नदी के पार जाने के लिए लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.

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