कविता की सफलता की कहानी: पिता पढ़ाना नहीं चाहते थे, बेटी ने खुद पर किया विश्वास और बन गई पुलिस कांस्टेबल
कविता का मानना है कि सपने देखने की हिम्मत करें और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें. कविता का कहना है “मुश्किलें केवल आपकी परीक्षा लेती हैं, लेकिन अगर आप मेहनत करते रहेंगे, तो सफलता आपके कदम चूमेगी. जी हाँ दोस्तों कविता की सफलता की यह कहानी हमें सिखाती है कि खुद पर विश्वास और दृढ़ निश्चय से जीवन की किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है. वह आज लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. आपको बता दें की कविता के पिता जो खेती से अपने परिवार का पेट पालते थे. पिता को नहीं लगता था की बेटी पढ़ पायेगी. पिता चाहते थे कि उनकी बेटी पढ़ाई छोड़कर घर खेतों का काम संभाले.
तेलंगाना के नारायणपेट जिले के एक छोटे से गांव में जन्मी कविता ने अपने साहस, मेहनत और आत्मविश्वास से वह कर दिखाया जो दूसरों के लिए असंभव लगता था. खेती पर निर्भर एक साधारण परिवार में पली-बढ़ी कविता के सपने बड़े थे. कविता ने किसी शिक्षक या कोचिंग की मदद के बिना अपनी पढ़ाई खुद की. उसकी मेहनत और लगन का परिणाम यह हुआ कि उसने दसवीं कक्षा में अपने स्कूल में टॉप किया. यह उसकी पहली बड़ी सफलता थी. उसने अपने सीमित संसाधनों में भी संतुलित जीवन जीने और अपने सपनों के लिए संघर्ष करने की कला सीख ली थी.
दसवीं की पढ़ाई के बाद कविता ने पुलिस कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा की तैयारी शुरू की. सीमित साधनों के बावजूद उसने अपने दम पर परीक्षा की तैयारी की. हर दिन वह अपनी पढ़ाई और शारीरिक अभ्यास को प्राथमिकता देती थी.