पिता चलाते हैं ऑटो, बेटी बनी डॉक्टर: गरीबी और चुनौतियों को हराकर रूबी प्रजापति ने रचा इतिहास
कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल राह का रोड़ा नहीं बन सकती. निरंतर प्रयास करने से कोई भी काम नामुमकिन नहीं है. इस बात को सच कर दिखाया है गुजरात के एक छोटे से गांव में पली-बढ़ी रूबी प्रजापति ने. रूबी प्रजापति के पिता एक साधारण से ऑटो चलाते थे. ऑटो रिक्शा चलाने वाले पिता की बेटी रूबी ने NEET UG परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर अपने माता-पिता और पूरे गांव का सपना पूरा किया. रिजल्ट से पहले किसी ने नहीं सोचा था की वो एक दिन कुछ कर पायेगी. राह आसान नहीं था. लेकिन रूबी में वह कर दिखाया जो एक प्रयत्नशील यवती ही कर सकती है.
रूबी के पिता अक्सर सपना देखते थे की रूबी पढ़ लिख कर कुछ अच्छा करे जीवन में. रूबी के पिता का सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बने. परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. लेकिन रूबी की लगन और मेहनत ने इस सपने को साकार कर दिया. उन्होंने NEET UG परीक्षा में 720 में से 635 अंक हासिल किया. रूबी ने साबित कर दिया कि मेहनत जज्बा किसी भी परिस्थिति को मात दे सकते हैं.
रूबी के जीवन में संघर्ष तब और बढ़ गया जब उनके छोटे भाई का निधन हुआ. इस घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया लेकिन साथ ही डॉक्टर बनने की उनकी जिद को और मजबूत कर दिया. वह अपने भाई के निधन से मिली पीड़ा को दूसरों की मदद करने के जज्बे में बदलना चाहती थीं. पढ़ाई के दौरान रूबी को कई बार आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. रूबी के चाचा एक इन्सान है. उनके चाचा ने उनकी फीस भरने और अन्य खर्चों में सहयोग किया.