40,000 से शुरू किया था काम, आज लाखों को दे रहे रोजगार: बिहार के चंद्रशेखर मंडल की प्रेरणादायक कहानी

बिहार के चंद्रशेखर मंडल ने साबित कर दिया कि सही सोच कड़ी मेहनत और जुनून से बड़े से बड़ा सपना पूरा किया जा सकता है. चंद्रशेखर कभी बैंक में काम करते थे. वे अक्सर सोचते की लोगो के लिए कुछ करना है. बैंक में काम करते करते वे हमेशा सोचते की उन्हें अब ये बैंक की नौकरी छोड़ देनी होगी. बैंकिंग कंपनी में शानदार नौकरी छोड़कर उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों को ऑनलाइन रोजगार देने के लिए डिजिटल लेबर चौक नामक कंपनी शुरू की. उनकी शुरू की गई कंपनी आज लाखों लोगों की जिंदगी बदल रही है. दिहाड़ी मजदूर के लिए एक वरदान से कम नही है चंद्रशेखर की कंपनी.

चंद्रशेखर मंडल की शुरुआत एक बैंकिंग कंपनी में अच्छी नौकरी से हुई. वहां तो ठीक ठाक कमा रहे थे लेकिन उनका वहां मन नहीं लगता था. उनको हमेशा से लोगो केलिए कुछ करना था. लेकिन उनका दिल समाज के लिए कुछ अलग और बड़ा करने का सपना देख रहा था. उन्होंने नौकरी छोड़कर 40,000 रुपये से अपने स्टार्टअप की नींव रखी. मार्च 2023 में, चंद्रशेखर ने “डिजिटल लेबर चौक प्राइवेट लिमिटेड” नाम से एक ऐप लॉन्च किया. इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य दिहाड़ी मजदूरों को सीधे कंपनियों और काम देने वालों से जोड़ना था. मजदूरों को काम ढूंढने के लिए भटकना न पड़े, यह उनका मुख्य लक्ष्य था.

चंद्रशेखर के आइडिया को पुणे के एक इनक्यूबेटर से मान्यता मिली. कुछ समय बाद उन्हें 10 लाख रुपये का निवेश प्राप्त हुआ. इस निवेश ने उनके स्टार्टअप को उड़ान दी.
आज डिजिटल लेबर चौक पर:
1 लाख मजदूर जुड़े हुए हैं.
3000 कंपनियां कामगारों को रोजगार दे रही हैं.

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