रामपुर के अनीस अहमद की सफलता की कहानी: मेहनत और जुनून से बदली किस्मत

रामपुर के अनीस अहमद की कहानी एक प्रेरणा है. अनीस अहमद की कहानी बताती है कि मेहनत और जुनून के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है. अनीस अहमद कभी दिल्ली मुंबई में कपड़ो की फैक्ट्री में काम करते थे. उनका हमेशा से सपना था की वो अभी एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाये. धीरे धीरे अनीस की यह सपना पूरा होने लगा. अनीस ने अकेले अपने दम पर कम बजट में काम शुरू किया. आज अपने हुनर से 40 लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं. अनीस अहमद का सफर आसान नहीं था. शुरुआती दौर में उन्होंने तीन महीने तक रामपुर में सिलाई का काम सीखा. इसके बाद उन्होंने रामपुर की नवीन मंडी में एक छोटी दुकान से अपनी यात्रा शुरू की.

अनीस की खासियत उनकी बारीकी से तैयार की गई पारंपरिक पोशाकें हैं. उनकी कंपनी एथनिक ड्रेस में काम करती है. उनकी फैक्ट्री में शेरवानी, कोर्ट-पेंट और पगड़ी जैसी परिधानों को हाथों से तैयार किया जाता है. शादी ब्याह के सीजन में उनका काम बढ़ जाता है. उनके कपड़ों की गुणवत्ता और डिजाइनों ने न केवल रामपुर बल्कि आसपास के शहरों जैसे काशीपुर, मुरादाबाद, रुद्रपुर, संभल, और देहरादून में भी उनकी पहचान बनाई. अब तो सभी जगह से आर्डर मिलने लगे है.

अनीस ने धीरे-धीरे अपनी फैक्ट्री शुरू की. उनकी मेहनत रंग लाई, और आज उनकी फैक्ट्री में 40 लोग काम कर रहे हैं. यहां सभी प्रकार की पारंपरिक और आधुनिक परिधानें तैयार की जाती हैं. जिन्हें देशभर में सराहा जा रहा है. कम बजट में शुरू किया गया यह छोटा काम आज अनीस को लाखों की कमाई करा रहा है. उनकी सफलता का राज है—उनका जुनून, कला के प्रति समर्पण, और दूसरों को साथ लेकर चलने की सोच

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