आज की सफलता की कहानी एक ऐसी महिला की है जो पहले तो डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन बाद में उनकी रुखी अधिकारी बनने की होने लगी. दरअसल वो हमेशा से देश की सेवा करना चाहती थी. आइये जानते है इस कहानी को पुरे डिटेल से. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की रहने वाली तरुणा कमल की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है. एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली तरुणा के पिता एक सफाई ठेकेदार हैं. माँ गृहणी है. परिवार में किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी एक दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित होकर देश सेवा के अपने सपने को साकार करेगी. जी हाँ दोस्तों यह कहानी कुछ ऐसी ही है.
जब तरुणा की पढाई ख़त्म हुई तो तरुणा ने एक पशु चिकित्सक (वेटरिनरी डॉक्टर) के रूप में अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी. पहले वो मेडिकल लाइन से थी. लेकिन मन में देश सेवा का जुनून बहुत पहले से सुलग रहा है. उनके मन में हमेसा “मुझे देश सेवा करनी है” की भावना पनपती रहती थी – बस यही सोच थी जिसने उन्हें UPSC की कठिन परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने एक मजबूत निर्णय लिया और मेडिकल करियर छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता पाना आसान नहीं होता. लेकिन तरुणा का दृढ़ निश्चय परिश्रम उन्हें हमेशा प्रेरित करते रहे. सीमित संसाधनों और साधारण पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त की और 203वीं रैंक हासिल की. इस उपलब्धि ने उन्हें IAS बनने का अवसर दिया. तरुणा की इस सफलता की कहानी उनके परिवार के साथ साथ उनके गाँव और पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है.