सफलता की कहानी: बेटी का BSF में चयन, गाँव में जश्न का माहौल

यह कहानी एक गरीब परिवार की है. इस घर के मालिक फल बेच कर अपना घर चलाते और सभी बच्चो का पालन पोषण करते. इसी घर में एक लड़की रहती है जिसका नाम रिचा कुमारी है. आपको बता दें की बिहार के बांका जिले के अमरपुर शहर के वार्ड संख्या 8 में रहने वाली रिचा कुमारी ने अपने पहले ही प्रयास में सीमा सुरक्षा बल (BSF) में चयनित हो गई है . रिचा कुमारी के इस उपलब्धि से पुरे गांव में रिचा के पिता का मान बढ़ गया है. रिचा के पिता श्रवण शाह जो एक फल विक्रेता हैं. श्रवण शाह अपनी सीमित आमदनी के बावजूद अपनी बेटी की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. आज उनकी त्याग और तपस्या रंग लाई और बेटी ने BSF में नौकरी हासिल की. हमेशा से पिता का यह सपना था कि उनकी बेटी एक दिन बड़े मुकाम तक पहुँचे.

आपको बता दें की रिचा का सिलेक्शन पिछले वर्ष हुआ था . फिर एक वर्ष के ट्रेनिंग के बाद रिचा घर अपने गांव लौटी तो सभी आस पड़ोस के लोग ने रिचा का स्वागत बैंड गाजे और बाजे के साथ किया था. रिचा की इस सफलता पर पूरे गाँव में खुशी का माहौल है. मोहल्ले में गाजे-बाजे के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया. सिर्फ इतना ही नहीं रस्ते में देशभक्ति गीतों से गूंज उठे पूरे मोहल्ले में जैसे जश्न का माहौल बन गया. लोग रिचा की इस उपलब्धि को लेकर गर्व महसूस कर रहे .

ये सब देख कर पिता श्रवण शाह की आँखों में खुशी और गर्व के आंसू साफ झलक रहे थे. साथ के साथ वो नाच भी रहे थे. ख़ुशी इतनी थी की बताई नहीं जा सकती. उन्होंने बताया कि बेटी को BSF में देखना उनके लिए गर्व का पल है. अपनी बेटी की इस सफलता से श्रवण शाह ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.

रिचा की एक वर्ष की ट्रेनिंग ख़त्म हो चुकी है. रिचा ने अपनी एक साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. अपने मोहल्ले में वापस लौट आई हैं. सभी लोगो ने रिचा की खूब तारीफ की है. और क्यों न करे रिचा ने कम संसाधन में अपने मुकाम को पा लिया है.

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