जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) को गिरफ्तारी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले मंगलवार को पटना से हुई गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव के समर्थकों के भारी विरोध के बीच मधेपुरा (Madhepura) ले जाया गया. रात के लगभग 10:50 बजे 30 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट लाया गया. पप्पू यादव की पेशी के लिए रात 11 बजे मधेपुरा सिविल कोर्ट को खोला गया.

कोर्ट के कर्मचारी अपने कार्यालय पहुंचे जहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पप्पू की पेशी हुई. पेशी के दौरान उन्होंने कोर्ट के सामने अपनी बीमारी का भी हवाला बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की मांग की. पप्पू यादव की पेशी को लेकर बड़ी संख्या में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गयी थी, फिर भी सैकड़ों समर्थक रात के अंधेरे में जगह-जगह डटे दिखे. न्यायिक दंडाधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूर्व सांसद को रिमांड टू जेल का आदेश देते हुए 14 दिन के न्यायिक हिरासत में बीरपुर (सुपौल) जेल भेज दिया और बेहतर इलाज की व्यवस्था का भी आदेश दिया.

रात में करीब 12 बजे प्रशासन उन्हें बीरपुर जेल लेकर चली गई. इससे पहले जन आधिकार पार्टी प्रमुख पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. पुलिस पप्पू यादव को गांधी मैदान थाने से मधेपुरा ले जा रही थी इस दौरान उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस काफिले को रोक लिया. एनएच 19 पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए और पुलिस वाहनों को रोका.

पप्पू यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे भाजपा के इशारे पर गहरी साजिश के तहत जेल भेजा जा रहा है, जबकि मैंने पिछले डेढ़ महीने से नीतीश कुमार की ही मदद की लोगों को बचा कर. मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि आखिर जो मामला हाई कोर्ट में लंबित है, उस मामले में कोरोना काल मे गिरफ्तारी क्या जरूरी थी ?

साभार – News 18

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