कोरोना संक्रमण के बीच ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बंगाल में ऑक्सिजन का आवंटन बढ़ाने की मांग की है। ममता ने पीएम मोदी से बंगाल के लिए कम से कम 550 मीट्रिक टन ऑक्सिजन के आवंटन के निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई है। पत्र में ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल के हिस्से की ऑक्सिजन दूसरे राज्यों को दी जा रही है।

ममता बनर्जी ने लेटर में लिखा कि राज्य में कोविड-19 के केस बढ़ने के साथ ही ऑक्सिजन की डिमांड भी बढ़ गई है। पिछले 24 घंटे में यहां ऑक्सिजन की मांग बढ़कर 470 मीट्रिक टन हो गई है और अगले 7 से 8 दिन में इसकी मांग 550 मीट्रिक टन तक होने की आशंका जताई जा रही है।

ममता का आरोप- दूसरे राज्यों को ऑक्सिजन डायवर्ट की गई
अपने पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि दूसरे राज्यों को पिछले 10 दिन में मेडिकल ऑक्सिजन का आवंटन बढ़ाकर 230 मीट्रिक टन से 360 मीट्रिक टन कर दिया गया है जबकि पश्चिम बंगाल में लगातार 308 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की उपलब्ध कराई जा रही है और यहां प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की डिमांड है।

ऑक्सिजन आवंटन पर पहले भी केंद्र को घेरा
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल की बढ़ी हुई जरूरतों के बावजूद राज्य में उत्पादित ऑक्सिजन में से अन्य राज्यों का आवंटन बढ़ा दिया है। बतादें कि ममता बनर्जी इससे पहले भी केंद्र सरकार को ऑक्सिजन की कमी पर घेरते हुए कहा था कि राज्य के हिस्से की ऑक्सिजन यूपी को दी गई है।

‘नहीं मिली ऑक्सिजन तो जा सकती है मरीज की जान’
ममता बनर्जी ने पत्र में यह भी लिखा कि बंगाल में रोजाना 560 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उत्पादन किया जाता है। ममता ने ऑक्सिजन की गुहार लगाते हुए लिखा कि अगर मेडिकल ऑक्सिजन की मांग के अनुसार आवंटन नहीं किया गया तो इससे न सिर्फ इसकी सप्लाइ पर प्रतिकूल असर पड़ेगा बल्कि मरीजों की जान भी जा सकती है। ममता ने पत्र में वेरी अर्जेंट (अति आवश्यक) लिखा है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.