पूरे देश के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो दो प्रतिशत लोग भी कोरोना से ग्रसित नहीं हैं, लेकिन 98 प्रतिशत लोग कोरोना के कारण सामान्य से लेकर उच्च स्तर तक के तनाव के शिकार हो रहे हैं। इस बात का अंदेशा बहुत बढ़ गया है कि कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के कुछ ही समय बाद अवसाद और अवसाद जनित बीमारियों की लहर व्यापक पैमाने पर आ सकती है। 

कोरोना की दूसरी लहर में उत्पन्न विकट परिस्थितियों से सबक लेते हुए अवसाद की लहर को रोकने, इस दौरान लोगों को समुचित उपचार मुहैया कराने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का निर्धारण करने के लिए ग्लोबल एसोसिएशन फॉर पॉजिटिव साइकेट्री अब से ही तैयारियों में लग गया है।

देश भर के प्रमुख मनोरोग चिकित्सक नौ मई को वेबिनार के माध्यम से एक मंच पर जुटकर इस दिशा में विचार विमर्श करेंगे। एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बीएचयू के वरिष्ठ मनोचकित्सक प्रो. संजय गुप्ता ने बताया कि वेबिनार के माध्यम से प्रथम चरण में देश के प्रमुख मनोचिकित्सकों को जोड़ा जाएगा।

दूसरे चरण में मनोविज्ञानियों के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा। वेबिनार के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि देश में मेंटल हेल्थ का भी वर्किग ग्रुप बनाया जाए। नेशनल पॉलिसी तैयार की जाए। यह भी अपेक्षा करेंगे कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को मनोचिकित्सा का अध्ययन अनिवार्य रूप से कराया जाए। 

मेंटल हेल्थ एक्ट के प्रति करेंगे जागरूक
प्रो. गुप्ता ने बताया कि जनमानस में जागरूकता लाने के लिए हम 2017 में लागू मेंटल हेल्थ एक्ट के बारे में भी प्रचार प्रसार करेंगे। इस एक्ट के तहत बीमा कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि वह शरीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक बीमारियों पर भी रिस्क कवर करें। जब लोगों को यह पता होगा कि मानसिक उपचार में खर्च होने वाली रकम भी उन्हें वापस मिल सकती है तो लोग मेंटल हेल्थ के लिए भी जागरूक होंगे।

input – hindustan

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.