कोरोना की इस दूसरी लहर में चारों तरफ माहौल अजीब सा बन गया है. लोग डरे हुए हैं और नकारात्मक बातों ने दिल में जगह बनानी शुरू कर दी है. लेकिन इस वक्त सबसे जरूरी यही बात है कि नकारात्मक बातें दूर कर आप सकारात्मक सोच को तरजीह दें. ऐसा करके ही आप इस वैश्विक बीमारी को दूर कर पाएंगे और खुद को बेहतर तरीके से रख सकेंगे. आज हम आपको एक ऐसे ही परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जिनकी सकारात्मकता और आत्मविश्वास ने कोरोना को खुद पर हावी नहीं होने दिया.

परिवार के सभी लोग संक्रमित

यह परिवार बिहार के अरवल जिले में रहता है. इस व्यवसायी परिवार के मुखिया हैं मोहन कुमार. इस परिवार में कुल 11 सदस्य हैं. बच्चों की परवरिश बेहतर तरीके से हो इस मकसद से यह परिवार पटना के आशियाना नगर में एक किराए के मकान में रहता है. मोहन कुमार टाइल्स प्लांट के अलावा फ्लावर मिल का भी काम देखते हैं. यह पूरा परिवार अप्रैल महीने में कोरोना वायरस की चपेट में गया था. ढाई साल के बेटे से लेकर 65 साल की बुजुर्ग मां भी कोरोना संक्रमित हो गई थीं.

सारी आशंकाएं हार गईं
कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलते ही परिवार के मन में डर समा गया. अनहोनी की आशंका से मुखिया मोहन कुमार घिर गए. वह ये सोच-सोच कर परेशान हो जाते थे कि आखिरकार कैसे इस हालात से निपटें. अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मोहन कुमार को पूरे परिवार की चिंता सताती रहती थी. हालांकि एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने खुद को संभाला और फिर धीरे-धीरे परिवार के हर सदस्य का ख्याल रखने लगे. आज उनका पूरा परिवार सुरक्षित है. अनहोनी की आशंका गलत साबित हुई. परिवार की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

घबराने की नहीं, संयम की जरूरत

मोहन कुमार बताते हैं कि 7 दिनों तक उन्हें सुबह-शाम इंजेक्शन दिया जाता रहा. अब उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. फिलहाल वे सबलोग सतर्कता तो बरत ही रहे हैं. मोहन कुमार कहते हैं कि इस संकट के समय घबराने का नहीं, बल्कि संयम बरतने की जरूरत है, ताकि कोरोना महामारी को आराम से दूर किया जा सके.

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