कोरोना काल में बारात लाने को लेकर दो परिवारों में बात बिगड़ गई। यूपी सरकार के आदेश के मुताबिक शादी में केवल 100 लोग ही शामिल हो सकते हैं। इसके बाद भी एक परिवार इससे ज्यादा बाराती लाने पर अड़ा रहा। दोनों परिवारों हो रही बहस-बाजी को देखकर दूल्हा-दुल्हन ने बिना बैंड-बाजे के शादी करने का मन बना लिया, फिर क्या था। दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और बिना बैंड-बाजे और बारातियों के सीधे मस्जिद जा पहुंचे।
इतना ही नहीं दूल्हा-दुल्हन ने कोरोना गाइड लाइन का पूरा पालन किया। दूल्हा-दुल्हन मस्जिद में सीधे इमाम के पास पहुंचे और निकाहनामा पर साइन कर शरीयत रस्म अदा की गई। शादी की खास बात यह है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निकाह की रस्म 15 मिनट में पूरी हो गई। यह मामला है यूपी के बरेली जिले का।
धंतिया निवासी दिलदार खान की बेटी कमरुल निशा उर्फ रानी की शादी थाना सीबीगंज के बिधौलिया निवासी राशिद खलील के बेटे अमन राशिद के साथ तय हुई। लड़की पक्ष के लोगों ने लड़के पक्ष के सामने शर्त रखी थी कि बारात में 100 से ज्यादा लोग लेकर आएं।
रात्रि कर्फ्यू लगने लगा तो लड़का पक्ष ने बारात में चंद लोग लेकर आने की बात कही। दोनों पक्ष के बीच मामला उलझता देख लड़की और लड़के ने फैसला किया कि वो सादगी के साथ निकाह की रस्म अदा करें। जब दोनों के परिवार नहीं माने तो अमन और रानी ने फैसला लिया कि वो मस्जिद के इमाम के सामने जाकर निकाह की रस्म करेंगे।
मंगलवार को लड़का और लड़की दरगाह आला हजरत स्थित बीबीजी मस्जिद में गए और निकाह की रस्म अदायगी कर ली। निकाह की रस्म महज 15 मिनट में पूरी हो गई। निकाहनामा पर गवाहों के साइन भी हुए। शादी हो जाने के बाद लड़का लड़की-पक्ष नाराज हो गए। जब माहौल बिगड़ने लगा तो लड़की सीधे मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के पास पहुंची। वहां से संबंधित थाना में लड़का, लड़की की तरफ से एप्लीकेशन दी गई।