कोरोना वायरस के कारण इस समय हालात काफी डरावने हैं। हर किसी के अंदर डर है अपनों को खोने का। हालात जिस तरह से हैं ऐसे में स्थिति काफी गंभीर है। कोरोना के डर से लोग मानवता भी भूल रहे हैं और मदद के लिए भी सामने नहीं आ रहे हैं।उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। इस घटना की तस्वीरे देख कर आपका दिल खुद को कचोटने लगेगा।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मानवता तब शर्मसार हो गयी जब एक बुजुर्ग को  गांववालों ने उसकी मृत पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। एक वृद्ध व्यक्ति को अपनी मृतक पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर घूमता रहा। शव की हालत काफी भयानक स्थिति में थी। आप सोच सकते हैं अपनी मृत पत्नी के शव की ऐसी हालत देखकर बुजुर्ग पर क्या बीत रही होगी। अकेला बुजुर्ग आदमी कड़ाकी की धूप में अपनी पत्नी की लाश को लेकर दर-बदर अंतिम संस्कार करने के लिए भटकता रहा लेकिन कोई भी इंसान उनकी मृत पत्नी को कंधा देने और मदद करने नहीं सामने आया।

तस्वीरों में आप देख सकते है कि एक बुजुर्ग आदमी अपनी पत्नी का शव साइकिल पर लेकर चल रहा है। दूसरी तस्वीर में आप उस आदमी को सड़क पर शव के साथ बैठा देख सकते हैं।  जौनपुर के गाँव के स्थानीय लोगों ने कोरोनोवायरस से डरकर महिला के अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी। प्रशासन, हालांकि, पुष्टि नहीं की है कि वह कोविड सकारात्मक थी।

ऐसे में बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी पत्नी के शव को साइकिल पर घंटों तक उस जगह पर घूमता रहा। गाँव में किसी ने भी श्मशान के साथ आदमी की मदद करने की कोशिश नहीं की और न ही कोई उसके दुख को साझा करने के लिए उसके पास पहुँचा। दूसरी ओर, उन्होंने गाँव के पास श्मशान घाट पर अपनी पत्नी का दाह संस्कार करने से रोक दिया।

पुलिस को इस घटना की सूचना मिलने के बाद, जौनपुर पुलिस ने मंगलवार को रामघाट में महिला का अंतिम संस्कार किया।जौनपुर जिले के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अंबरपुर निवासी तिलकधारी सिंह की 50 वर्षीय पत्नी राजकुमारी लंबे समय से बीमार थी। सोमवार को उसकी हालत तब बिगड़ गई जब उसके पति उमानाथ सिंह ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

हालांकि, उसके तुरंत बाद महीला की मृत्यु हो गई और अस्पताल ने उसके शरीर को एम्बुलेंस में वापस भेज दिया। ग्रामीणों ने बुजुर्ग व्यक्ति की मदद करने के लिए आगे नहीं आये और न ही शरीर का दाह संस्कार करने दिया। मृत महिला का शरीर सड़ना शुरू हो गया था। घटना की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं, जो त्रासदी को रोकने में विफल रहने के लिए प्रशासन की आलोचना कर रही हैं।

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