बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की मॉनिटरिंग कर रहे पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को नया आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रतिदिन राज्य में ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता का आंकड़ा जारी करे। इस मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट के स्पेशल बेंच में हो रही है। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह व जस्टिस मोहित शाह की खण्डपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया गुरुवार से रोजाना राज्य के हर कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या और उपलब्धता का आंकड़ा जारी करें।

हाईकोर्ट के पिछले आदेश के अनुपालन में राज्य मानवधिकार आयोग की निरीक्षण जो रिपोर्ट पेश हुई, उसे देखकर हाईकोर्ट भी हैरान हो गया। आयोग के सचिव राजेश कुमार व पटना एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह की टीम ने 19 अप्रैल को एनएमसीएच का दौरा कर जो रिपोर्ट प्रस्तुत किया उसके मुताबिक एनएमसीएच में कोरोना मरीजो के लिए 400 बेड हैं जिसमें सिर्फ 175 बेड पर ही मरीज को भर्ती पाया गया बाकी 225 बेड खाली थे।

बेड की जानकारी मिलने के बाद हैरानी जताते हुते हाईकोर्ट ने कहा कि एक तरफ जनता अस्पतालों में बेड के लिए भटक रही है तो दूसरी तरफ डेडिकेटेड कोविड सेंटर्स में 225 खाली रह जाते हैं। राज्य सरकार को रोजाना इस बाबत भी आंकड़ा जारी करने का निर्देश दिया गया है जो कि सूबे के तमाम कोविड अस्पतालों में हर दिन कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है और वर्तमान में कितनी ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है?  खण्डपीठ अब ऑक्सीजन सप्लाई पर सुनवाई शुक्रवार को करेगी।

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