जीटी रोड पर स्थित गया जिले के आमस से पटना जिले से होते हुए दरभंगा फोरलेन हाइवे के लिए पटना जिले के फतुहा व धनरुआ प्रखंड में करीब 238 एकड़ भूमि की जरूरत है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने दोनों प्रखंड के 12 गांवों की सूची भू-अर्जन के लिए जिलाधिकारी को भेज दी है। जिला भू-अर्जन कार्यालय ने एनएचएआइ की ओर से सौंपे गए एलाइनमेंट के अनुसार किसानों की पहचान कर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारतमाला परियोजना के तहत स्वीकृत इस फोरलेन के दायरे में जिन किसानों की जमीन की मांग करनी है, उनकी पहचान कर अंचल पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।
आमस से दरभंगा तक बनने वाला फोरलेन पटना जिले के धनरुआ प्रखंड में प्रवेश करेगा। धनरुआ के बघबर गांव से होते हुए बहरामपुर, पिपरावां, बिजपुर, नसरतपुर, छाती, पभेड़ा और टरवां गांव की भूमि अर्जित की जाएगी। फतुहा प्रखंड में जैतीया, बाजिदपुर, भेडग़ावां और राबियाचक गांव की जमीन अर्जित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। सबसे अधिक पभेड़ा और छाती गांव की जमीन इस फोरलेन में जाएगी।
ज्यादातर कृषि भूमि का होगा अधिग्रहण
एनएचएआइ के एलाइनमेंट के अनुसार पटना में अधिकांश गांवों में कृषि भूमि की दरकार है। ताजा एमवीआर के अनुसार किसानों को जमीन का मुआवजा भुगतान किया जाएगा। भूमि की प्रकृति के अनुसार मुआवजा राशि की दर अंचल पदाधिकारी को निर्धारित करनी है। जिला भू-अर्जन कार्यालय ने धनरुआ और फतुहा अंचल पदाधिकारी को भूमि की प्रकृति, किसानों की सूची और वर्तमान एमवीआर का प्रतिवेदन मांगा है।
बैंक खाते में होगा मुआवजे का भुगतान
किसानों की पहचान के बाद उनके बैंक खाते में मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रस्तावित फोरलेन का निर्माण 2024 तक पूरा करा लेने का लक्ष्य है। फोरलेन फतुहा प्रखंड में कच्ची दरगाह से बिदूपुर गंगा सेतु होकर दरभंगा को गया जिले के आमस से जोड़ेगा। भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण के लिए टेंडर किया जा सकेगा।