आज महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं और नाम कमा रही हैं। अबे किसी भी कार्य में पुरुषों से पीछे नहीं है। पहले कंडक्टर का कार्य और ऑटो चलाने का काम जहाँ पुरुषों के लिए माना जाता था वहीं आज इस काम में भी महिलाएँ बढ़ चढ़कर आगे आ रही हैं।
हरियाणा के हिसार क्षेत्र की निवासी प्रमिला (Pramila) गत 6 वर्षों से ऑटो चलाने का कार्य कर रहीं हैं। वह स्वयं ऑटो चला कर अपना घर संभालतीं हैं तथा साथ ही अन्य महिलाओं को भी ऑटो चलाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। जब उन्होंने ऑटो चलाने की शुरुआत की थी तब लोग उनके इस कार्य के लिए आलोचना करते थे क्योंकि रूढ़ीवादी मानसिकता वाले लोगों के अनुसार यह कार्य अक्सर मर्दों का काम माना जाता था, परंतु अब सभी लोग उनकी ख़ूब सराहना कर रहे हैं।
आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ऑटो चलाने का काम शुरू किया
बाबरा मुहल्ले में रहने वाली प्रमिला की घर की माली हालत खराब चल रही थी। इन हालातों में प्रमिला ने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ऑटो चलाने का कार्य करने का निश्चय किया। इसके लिए पहले उन्होंने ऑटो चलाना सीख लिया।
अब देती हैं ऑटो चलाने का प्रशिक्षण
इन्होंने एक गुलाबी रंग का ऑटो चलाने से शुरुआत की। जब यह काम शुरू किया था तब उनके साथ 20 महिलाएँ जुड़ गई थीं और फिर धीरे-धीरे करके कई सारी महिलाएँ उनके साथ जुड़ीं। करीब डेढ़ साल पहले प्रमिला की तबीयत खराब होने की वज़ह से उन्होंने ऑटो चलाने का यह कार्य बंद कर दिया था परंतु अब वह महिलाओं को ऑटो चलाने का प्रशिक्षण दे रही हैं।