बिहार के सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था का समय-समय पर पोल खुलते रहा है.
सरकार और स्वास्थ्य विभाग भले ही सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता पूर्ण इलाज मुहैया कराने का दावा करती हो, लेकिन असलियत कुछ और ही है.
ताजा मामला डीएमसीएच का है, जहां ऑर्थो वार्ड में भर्ती आशा देवी अपने दो बच्चों के साथ दो महीनों से अपने हाथ का ऑपरेशन कराने के लिए बैचैन हैं.
लेकिन अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही की से आज तक उनका ऑपरेशन नहीं हो सका है.