पेट्रोल-डीजल पर टैक्स को कम करने को लेकर केन्द्र सरकार पर बढते दबाव के बीच अब केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये एक ऐसा मामला है जिससे राज्यों तथा केन्द्र दोनों को चर्चा करनी चाहिये, उन्होने कहा, कि तेल की कीमतों पर जो एक्साइज ड्यूटी लगता है, उसका करीब 41 फीसदी हिस्सा राज्यों के पास जाता है, ऐसे में ये कहना है कि कीमत बढने के लिये सिर्फ केन्द्र सरकार जिम्मेदार है, ये सही नहीं है,


राज्यों को मिलता है मोटा टैक्स
निर्मला सीतारमण ने कहा कि केन्द्र और राज्यों दोनों को पेट्रोल तथा डीजल पर टैक्स से रेवेन्यू मिलता है, केन्द्र के टैक्स कलेक्शन में से भी 41 फीसदी राज्यों को ही जाता है, ऐसे में यही उचित होगा, कि केन्द्र और राज्य इस पर आपस में बात करें।

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जीएसटी में आते ही कीमतों से मिलेगी राहत
आपको बता दें कि वर्तमान में केन्द्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्धारित दर से एक्साइज ड्यूटी लेती है, वहीं विभिन्न राज्य इस पर अलग-अलग दर से टैक्स लेते हैं, 

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पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे में आने के बाद कीमतों में एकरुपता आ जाएगी, ऐसे में राज्यों में भी पेट्रोल की कीमत नीचे आ जाएगी, जहां इन पर ज्यादा टैक्स लगता है।

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