पड़ोसी मुल्क पाक की माली हालत सुधारने के लिये पीएम इमरान खान भारी-भरकम कर्ज ले चुके हैं, लेकिन फिर भी वो अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पा रहे, पाक पर बढते कर्ज की वजह से इमरान चीन जैसे देशों के गुलाम बनते जा रहे हैं, हालांकि अपनी नाकामी छिपाने के लिये इमरान अपनी पिछली सरकारों पर कर्ज के बोझ का दोष मढते रहे हैं

इन सबके बावजूद जो आंकड़े अब सामने आ रहे हैं, वो पाक और उसकी जनता के लिये काफी भयभीत करने वाले हैं, दरअसल इमरान खान सरकार पिछले सिर्फ 7 महीनों के भीतर 6.7 बिलियन डॉलर विदेशी कर्ज ले चुकी है, इसमें पिछले महीने चीन से लिया गया 500 मिलियन डॉलर का कर्ज भी शामिल है, वहीं पाक की कई कंपनियां दिवालिया तक हो चुकी है।

बढ रहा है कर्ज
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाक की इकोनॉमिक अफेयर्स मिनिस्ट्री ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की जुलाई-जनवरी अवधि के दौरान सरकार ने कई फाइनेंसिंग सोर्स से 6.7 बिलियन अमरीकी डॉलर बतौर कर्ज प्राप्त किये

उससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ये 6 फीसदी या 380 मिलियन डॉलर अधिक है, अकेले सिर्फ जनवरी में पाक सरकार ने विदेशी बैकों में 960 मिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त किये, जिसमें कमर्शियल बैकों से 675 मिलियन अमरीकी डॉलर भी शामिल थे, जो सबसे महंगा कर्ज था

मिनिस्ट्री ने आगे कहा कि 6.7 बिलियन अमरीकी डॉलर में से 2.7 बिलियन अमरीकी डॉलर या कुल कर्ज का 41 फीसदी विदेशी कमर्शियल कर्ज के कारण था।

चीन कर रहा मदद
वहीं पाक का दोस्त कहा जाने वाला चीन लगातार उसकी मदद करने में जुटा हुआ है

आईएमएफ से निलंबित किये जाने के बाद भी चीन ने आर्थिक मदद करते हुए पाक को 13 बिलियन डॉलर के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व बनाये रखने में मदद की।

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