प्रेमी से शादी करने के लिए अपने ही परिवार के सात लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाली शबनम की फांसी रोकने के लिए पहली मांग अयोध्या से उठी है।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे शबनम की फांसी की सजा को माफ कर दें।
महंत ने कहा कि देश की आजादी के बाद आज तक किसी महिला को फांसी नहीं दी गई।
यदि शबनम को फांसी दी जाती है तो यह पहला मामला होगा।
उन्होंने कहा कि एक महिला को फांसी दिए जाने से देश को दुर्भाग्य और आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
राष्ट्रपति से की अपील
महंत परमहंस दास ने कहा कि ‘हिंदू धर्मगुरु होने के नाते मैं राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि माफी के लिए शबनम की याचिका को स्वीकार कर लें।
अपने अपराध के लिए वह जेल में प्रायश्चित कर चुकी है।
यदि उसे फांसी दी गई तो यह इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय होगा।
महंत ने कहा कि देश का संविधान राष्ट्रपति को असाधारण शक्तियां देता है।
उन्हें इन शक्तियों का इस्तेमाल क्षमा देने में करना चाहिए।’