आम आदमी के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है. विदेशी बाजारों में गिरावट आने के बाद तेल की कीमतें भी कम हो गई हैं, यानी खाद्य तेल पहले की तुलना में अब सस्ता हो गया है. देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सोयाबीन (Soybean), सीपीओ (CPO), पामोलीन तेल (Palmolein Oil) और मूंगफली तेल कीमतों (Groundnut Oil Prices) में गिरावट आई। वहीं, उपलब्धता की कमी और मांग बढ़ने के कारण सरसों तेल-तिलहन (Mustard Oil Price), सोयाबीन एवं मूंगफली तिलहन के साथ-साथ बिनौला तेल के भाव (Cottonseed oil price) सुधार के साथ बंद हुए।

खबरों की माने तो बीते सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से सीपीओ के भाव पूर्व सप्ताहांत के मुकाबले हानि दर्शाते बंद हुए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा नीचे के भाव पर अपनी उपज नहीं बेचने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन और मूंगफली तिलहन के भाव में मजबूती रही, जबकि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव के टूटने से सोयाबीन एवं मूंगफली तेल के भाव हानि के साथ बंद हुए।

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आपको बता दे की मंडियों में सरसों की आवक निरंतर घट रही है और समीक्षाधीन सप्ताह में शनिवार को इसकी आवक घटकर लगभग 2.75-3 लाख बोरी रह गई है। जबकि देश में सरसों की मांग प्रतिदिन करीब पांच लाख बोरी की है। सरसों की अगली फसल आने में लगभग आठ-साढ़े आठ माह की देर है और बरसात के साथ इस तेल की मांग बढ़ना तय है।

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