आजकल लोगों को कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है. कुछ बीमारियों का इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन कुछ बीमारी ऐसी होती हैं
जिसमें इंसान को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लकवा भी एक ऐसी ही बीमारी है. अक्सर आपने देखा होगा कि
अचानक कई लोगों के हाथ पैर टेढ़े हो जाते है, साथ ही शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. इस बीमारी को ही लकवा कहा जाता है,
जिसमें इंसान को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसको आयुर्वेद में पक्षाघात रोग भी कहते हैं.
दूध और छुहारा- लकवा रोगी को रोजाना दूध में छुहारे भिगोकर देते रहना चाहिए इन दोनों का मिश्रण रोगी के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.
उड़द दाल और सोंठ का पानी- अगर आपको लकवा की बीमारी का इलाज घरेलू उपचार से करना चाहते है, तो उड़द दाल और सोंठ के पानी को हल्की आंच पर गर्म करें.
इन रसों का सेवन- आप लकवा रोगी को नाशपाती, सेब और अंगूर का रस बराबर मात्रा में एक ग्लिास मे रोजाना इसका सेवन करने से जल्द ही फायदा मिलता है.
काली मिर्च और घी का लेप- आयुर्वेद में बताया गया है कि अगर काली मिर्च और घी के लेप से लकवाग्रसित अंगों की मालिश की जाए, तो इससे जल्द ही फायदा मिल सकता है.