बिहार के वैसे लोग जो पानी के लिए सिर्फ नल जल योजना पर निर्भर रहते है. उनके लिए बहुत ही अच्छी खबर है. बता दे की बिहार के घरों में अगर नल से जल रुका तो इसका जुर्माना ठेकेदारों से वसूला जाएगा। PHED डिपार्टमेंट की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक, एक दिन भी अगर घरों में नल से जल नहीं पहुंचता है तब कॉन्ट्रैक्टर को 2 हजार रुपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
आपको बता दे की ये कार्रवाई केवल ठेकेदारों तक ही सीमित नहीं रहेगी। विभाग के इंजीनियर पर भी इसकी गाज गिरेगी। जिस इलाके में नल का पानी रुकेगा इसके लिए वहां के जूनियर और असिस्टेंडट इंजीनियर भी दोषी माने जाएंगे। इसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग की तरफ से अभी तक लगभग 138 कॉन्ट्रैक्टर को डीबार किया गया है। साथ ही 8 को ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
वार्ड से स्टेट तक सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग की व्यवस्था : मीडिया रिपोर्ट की माने तो PHED विभाग की तरफ से बिहार के 55,737 वार्ड में नल का जल का काम पूरा कर लिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए विभाग की तरफ से पंचायत से लेकर स्टेट तक पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए IOT डैसबोर्ड तैयार किया है। यहां ऐसी व्यवस्था की गई है कि शिकायत मिलते ही प्रमंडल स्तर के अधिकारी से लेकर पंप ऑपरेटर को एक साथ जोड़ लिया लिया जाता है समस्या का समाधान किया जाता है।