क ऐसा डाकिया जिसने दुर्गम रास्तों पर चलते हुए इमानदारी और मेहनत से लोगों तक उनके संदेश पहुँचाए

कुछ दिनों पूर्व उन्होंने अपनी नौकरी का कार्यकाल पूरा किया है

जिस अथक मेहनत से डी. सिवन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है लोग उनके लिए भारत रत्न और पद्मश्री जैसे सम्मान की माँग कर रहे हैं |

डी. सिवन तमिलनाडु राज्य के रहने वाले हैं ! वह एक साधारण परिवार से आते हैं ! वह एक डाकिया के तौर पर तमिलनाडु राज्य में हीं नियुक्त थे |

वह ना सिर्फ मेहनतमश इंसान हैं बल्कि इमानदार और जिम्मेदार भी ! अपने कार्यों और जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं डी. सिवन|

रोजाना 15 किलोमीटर का दुर्गम सफर

डी. सिवन की पोस्टिंग ऐसी जगह पर थी जहाँ पर उन्हें लोगों को संदेश पत्र पहुँचाने के लिए प्रतिदिन लगभग 15 किलोमीटर का सफर पैदल चलना पड़ता था|

यह रास्ता पहाड़ी और जंगली होने के कारण बेहद दुर्गम है |

इस रास्ते में हमेशा जंगली जानवरों का खतरा रहता है |

सिवन का कई बार जंगली जानवरों से सामना भी हुआ लेकिन सिवन बिना डरे अपने कर्म-पथ पर निरन्तर चलते रहे दुर्गम रास्ता और जंगली जानवरों का भय भी उनकी निडरता ,साहस और कार्य को डिगा नहीं सके |

वह निरन्तर रूप से लोगों के संदेश-पत्र उनके दरवाजे तक पहुँचाते रहे|

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.