रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध में कीव में हालात बिगड़े तो यूक्रेनी लैंग्वेज के भारतीय स्टूडेंट अंकित को एक बंकर में शरण लेनी पड़ी. उस बंकर में 80 लोग थे जिसमें सभी पाकिस्तानी थे, सिर्फ उसे छोड़कर. आपको बता दे की उसने भारत निकलने का फैसला किया तो उसके साथ एक पाकिस्तानी लड़की भी चलने को तैयार हो गई और फिर युद्ध में बमबारी के बीच दोनों 25 किमी पैदल चलकर किसी तरह रेलवे स्टेशन पहुंचे, फिर वहां से रोमानिया बॉर्डर.
पाकिस्तानी दूतावास ने की तारीफ : खबरों की माने तो इस तरह जब एक भारतीय लड़के ने पाकिस्तानी लड़की की जान बचाई तो पाकिस्तानी दूतावास ने अंकित की तारीफ करते हुए लिखा कि एक भारतीय लड़का अंकित हमारी बेटी को हमारे पास लाया और हमारा बच्चा बन गया. आपका बेहद शुक्रिया. यह समय दोनों देशों के लोगों के लिए एक-दूसरे की टांग खींचने का नहीं, बल्कि प्यार और समर्थन दिखाने का है. हमारे बच्चे हमारी नफरत से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.
कीव के हालात बिगड़े तो उठाया बोल्ड कदम : मीडिया रिपोर्ट की माने तो अंकित कीव पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट में यूक्रेनी लैंग्वेज का स्टूडेंट है. कीव के हालात बिगड़ तो 25 फरवरी की रात इंस्टीट्यूट से तीन किमी दूर ब्लास्ट हुआ. उसके बाद लगभग 80 स्टूडेंट्स को बंकर में भेज दिए गए जिनमें अंकित अकेले भारतीय थे.