बिहार के पढ़े-लिखे लोगों के लिए खुशखबरी है. बता दे कि बिहार में अगले महीने से प्रारंभिक विद्यालयों में 40,506 प्रधान शिक्षकों और माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। इस पर शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग के बीच सहमति बन गई है। दोनों पदों पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा होगी और 150-150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे।
आपको बता दे की शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्येक प्रश्न एक अंक के होंगे। 0.25 प्रतिशत निगेटिव मार्किंग होगी। यानी चार प्रश्न के गलत उत्तर देने पर एक अंक कटेंगे। दो घंटे की परीक्षा होगी। परीक्षा में संबंधित हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य अध्ययन और शिक्षक एप्टीट्यूट से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
बता दे कि बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधान शिक्षकों औऱ प्रधानाध्यपकों की नियुक्ति के लिए बीपीएसएसी को जिम्मा दिया गया है. शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग के बीच बनी सहमति के आधार पर अगले महीने से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया गया है. ऐसी होगी नियुक्ति की प्रक्रिया दोनों पदों पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा होगी जिसमें 150 वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे जाएंगे.
जानिये कैसे की जायेगी नियुक्ति
- शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर सवाल के सही जवाब पर एक अंक मिलेगा वहीं गलत जवाब देने पर 0.25 निगेटिव मार्किंग होगी. यानि किसी ने चार सवालों का गलत जवाब दिया तो उसका एक अंक कट जायेगा.
- लिखित परीक्षा दो घंटे की होगी जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य अध्ययन और शिक्षक एप्टीट्यूट से जुड़े सवाल पूछे जायेंगे.
- माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा. यानि उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग उस प्रमंडल में कहीं भी किया जा सकेगा. वहीं, प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षक का संवर्ग जिला स्तर का होगा और उनका ट्रांसफर जिला स्तर पर होगा.
- प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी होंगे. लिहाजा उन्हें सरकारी कर्मचारी-अधिकारी की तरह सुविधायें मिलेंगी.
- शिक्षा विभाग के मुताबिक पटना जिले में प्रधान शिक्षक के सबसे अधिक 1980 पद खाली हैं. वहीं प्रधानाध्यापक के सबसे ज्यादा पद पूर्वी चंपारण जिले में खाली हैं. वहां 342 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी है. प्रधान शिक्षक के सबसे कम पद शिवहर जिले में हैं वहीं प्रधानाध्यापक के सबसे कम पद अरवल जिले में हैं.