देश में महंगे हो रहे कच्चे तेल ( Costly Crude Oil Price) ने केंद्र सरकार की नींद उड़ा दी है. जिसके बाद गुरुवार को महंगे कच्चे तेल से उपजे हालात की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ( Prime Minister Office) ने वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) और पेट्रोलियम मंत्रालय ( Petroleum Ministry) की आपस में बैठक हुई है.
बताया जा रहा है की प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से पेट्रोल डीजल ( Petrol Diesel) पर वसूले जाने वाले एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) की समीक्षा करने को कहा है. वित्त मंत्रालय देखेगी कि सरकार किस हद तक पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा सकती है जिससे आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत दी जा सके. वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय ने पीएमओ को सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर हो रहे नुकसान की जानकारी दी है. खास बात यह है की इससे पहले 4 नवंबर 2021 को सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर तो डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया था. जिससे आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत दी जा सके.
आपको बता दे की विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कच्चे तेल के दामों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ाये हैं जबकि दिसंबर 2021 के पहले हफ्ते से लेकर कच्चा तेल अब तक 50 फीसदी महंगा हो चुका है. एक दिसंबर 2021 को कच्चा तेल 68 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा था जो अब 105 डालर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है. सरकारी तेल कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है. सरकार इस नुकसान को पाटने पर विचार कर रही है साथ ही ये भी कोशिश कर रही है कि आम लोगों पर महंगे पेट्रोल डीजल का भार ना पड़े.