अपने खर्चों और वित्तीय जरूरतों को सही से चलाने के लिए बचत करना बेहद जरूरी होता है। बचत करने से भविष्य में आकष्मिक जरूरतों को पूरी करने में काफी आसानी होती है। अगर आप अपने बचत के पैसों को सही जगह पर इनवेस्ट करते हैं तो आप उस पर कमाई भी कर सकते हैं। इसलिए आपको तमाम बचत और निवेश के साथ साथ ऐसी व्यवस्था भी करनी चाहिए जिससे कि आप किसी बीमारी या दुर्घटना, कारोबार में घाटा या अन्य तरीके से आमदनी खत्म होने की स्थिति में आसानी निकला जा सके. जैसे आप भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करते हैं और उसी तरह इमरजेंसी फंड (emergency fund) भी बनाना चाहिए. अब सवाल आता है कि इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए और इसे कैसे तैयार करना चाहिए.
इस तरह करें प्लानिंग : आपको बता दे की आप सामान्य दिनों में जिस तरह अपना कमाई का कुछ हिस्सा निकालकर भविष्य की योजनाओं में निवेश करते हैं, उसी प्रकार कमाई का कुछ हिस्सा इमरजेंसी के लिए भी जमा कर रखना चाहिए. इमरजेंसी फंड तैयार करते समय ध्यान रखें कि इस फंड को किसी और जरूरत के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
इमरजेंसी फंड मासिक वेतन का कम से कम 6 गुना : बताया जा रहा है की इमरजेंसी फंड मासिक वेतन का कम से कम 6 गुना होना चाहिए. आपको अपनी 6 महीने की कमाई को इमरजेंसी फंड के लिए बचाकर रखना चाहिए. अगर आप 50 हजार रुपये महीना कमाते हैं तो आपके पास कम से कम 3 लाख रुपये का इमरजेंसी फंड होना चाहिए. यह फंड आपकी बचत और निवेश से अलग होना चाहिए.
इस तरह जमा करें इमरजेंसी फंड : खास बात यह है की इमरजेंसी फंड को ऐसे ऑप्शन में निवेश करना चाहिए जहां से इसे आप आसानी से निकाल सकें. इमरजेंसी फंड नकदी के रूप या सेविंग बैंक (Saving Bank) अकाउंट के रूप में हो सकता है. इमरजेंसी फंड को आप लिक्विड म्युचुअल फंड (Liquid MF) में भी रख सकते हैं. फिक्स डिपॉजिट (FD) या रेकरिंग डिपाजिट (RD) में भी आप इमरजेंसी फंड बना सकते हैं.