अपने खर्चों और वित्तीय जरूरतों को सही से चलाने के लिए बचत करना बेहद जरूरी होता है। बचत करने से भविष्य में आकष्मिक जरूरतों को पूरी करने में काफी आसानी होती है। अगर आप अपने बचत के पैसों को सही जगह पर इनवेस्ट करते हैं तो आप उस पर कमाई भी कर सकते हैं। अगर बैंक डिफॉल्ट (Bank Default) होता है, तो आपको 5 लाख रुपये की ही राशि वापस मिलती है. लेकिन डाकघर (Post Office) में ऐसा नहीं है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.
ब्याज दर : आपको बता दे की पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना में मौजूदा समय में सालाना 7.6 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है. यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है. इस स्कीम में ब्याज को सालाना आधार पर कैलकुलेट और कंपाउंड किया जाता है. निवेश की राशि : डाकघर की इस योजना में एक वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. इसके बाद जमा 50 रुपये के मल्टीपल में करना होगा. जमा एकमुश्त राशि में किया जा सकता है. एक महीने या वित्त वर्ष में जमा की संख्या पर कोई सीमा तय नहीं की गई है.
कौन खोल सकता है अकाउंट? बताया जा रहा है की इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में 10 साल से कम उम्र के व्यक्ति के नाम में अभिभावक अकाउंट खोल सकता है. इसके अलावा स्कीम में बच्ची के नाम पर किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में भारत में केवल एक अकाउंट ही खोला जा सकता है. इस अकाउंट को परिवार में अधिकतम दो बच्चियों के लिए खोला जा सकता है. दो जुड़वा या तीन जुड़वा बच्चियों के मामले में, दो से ज्यादा खाते खोले जा सकते हैं.
मैच्योरिटी : खास बात यह है की सुकन्या समृद्धि योजना में अकाउंट खोलने की तारीख से 21 साल बाद मैच्योर होगा. इसके अलावा बच्ची के 18 साल की उम्र पर पहुंचने के बाद शादी के समय भी इसे बंद कराया जा सकता है. इसमें शादी की तारीख से एक महीने पहले या तीन महीने बाद करना होगा.
दूसरे फीचर्स : इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में अकाउंट खोलने की तारीख से अधिकतम 15 साल पूरे होने तक जमा किया जा सकेगा. अगर एक वित्त वर्ष में अकाउंट में कम से कम 250 रुपये जमा नहीं किए जाते हैं, तो अकाउंट को डिफॉल्ट माना जाएगा.
डिफॉल्ट अकाउंट को खोलने की तारीख से 15 साल पूरे होने से पहले रिवाइव किया जा सकता है. इसके लिए व्यक्ति को हर डिफॉल्ट वाले साल के लिए न्यूनतम 250 रुपये प्लस 50 रुपये का भुगतान करना होगा. इस स्कीम में जमा की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है.