बिहार में पूर्ण रूप से शराब पर सरकार बैन लगाये हुए है | अब ऐसे में अवैध रूप से शराब वितरण करने वाले लोगों को बहुत ही श्ख्ती से नज़र रखती है पकड़ाने पर उसे सजा भी दी जाती है | बता दे की मध्य निषेध कानून का उल्लंघन के मामले में जिन वाहनो की जब्ती हुई है | उसे बेहद ही कम कीमत पर नीलाम किए जाने की घोषणा की गई है। इस सम्बन्ध में विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा डीएम को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया गया है। अप्रैल, 2016 में शराबबंदी क़ानून लागू हुआ था। उस समय से लेकर अब तक मे लगभग 55 हजार वाहनों को क़ानून का उल्लंघन किए जाने के आरोप में जब्त किया गया है। इसमें से 9,706 वाहनो की नीलामी की जा चुकी हैं। वाहनों की नीलामी से करीब 62 करोड़ के राजस्व की वसुली हुई है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग के द्वारा सभी जिलों के डीएम को जब्त वाहनों के नीलामी के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
आपको बता दे की वरिष्ठ अधिकारी केके पाठक द्वारा पत्र में लिखा गया है कि वाहनों की नीलामी के लिए खरीदार ना करने की स्थिति में नीलामी के मूल्य को कम करना होगा और इस स्तर तक कम किया जाएगा कि लोग नीलामी में प्रक्रिया मे भगीदारी ले और ऐसे वाहनों को खरीद हो सके। बाजार दर पर वाहन की नीलामी किए जाने पर खरीदार नहीं मिलेंगे, ऐसे मे लोग नीलामी मे नहीं बल्कि बाजार से ही वाहन खरीदेंगे।
बताया जा रहा है की उन्होंने यह भी कहा कि उत्पाद अधिनियम के तहत राज्य जब्त वाहनों की नीलामी राजस्व संग्रह के लिए नहीं, बल्कि दंड स्वरूप की जाती है। इसके अलावा निर्देश जारी करके यह भी कहा गया है कि अगर तीन बार नीलामी की नोटिस करने व कीमत मे कमी करने के बावजूद् भी वाहन नीलाम नहीं होता है, तो उसे ‘जैसा है, उसी रूप में नीलाम कर दिया जाए।
खास बात यह है की पिछले दो माह मे मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा अक्टूबर-नवंबर माह में शराब तस्करी में शामिल होने के आरोप मे 500 से अधिक गाडिय़ों को जब्त किया गया। इसमें 125 से अधिक कार व चार पहिया गाड़ियां थीं जबकि करीब 50 ट्रक जब्त किए गए थे। जब्त वाहनो मे दो पहिया वाहनों की संख्या लगभग 300 थी। तीन पहिया वाहन भी 50 के करीब जब्त किए गए हैं।