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वाहन चालक के लिए अच्छी खबर है. बता दे की मध्य प्रदेश में अब निजी उपयोग में आने वाले यात्री वाहनों पर टोल टैक्स नहीं लगेगा। यह सुविधा राज्य सड़क विकास निगम की नई सड़कों पर उपलब्ध होगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने टोल टैक्स से संबंधित नीति में नए प्रावधान किए हैं। वास्तव में, अब एकत्र किए गए टोल का अस्सी प्रतिशत वाणिज्यिक वाहनों से आता है। वहीं, निजी इस्तेमाल में आने वाले वाहनों पर टोल टैक्स कम और परेशानी ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। राज्य में अधिकांश प्रमुख सड़कों का निर्माण राज्य सड़क विकास निगम द्वारा बिल्ड आपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) पद्धति पर किया जा रहा है।

आपको बता दे कि लोक निर्माण विभाग की ओर से दो सौ सड़कों का सर्वे किया गया। यह बात सामने आई कि एकत्र किए गए टोल टैक्स का अस्सी प्रतिशत वाणिज्यिक वाहनों का है। निजी छोटे वाहनों पर सिर्फ 20 फीसदी टैक्स लगता है। वहीं, यात्रियों को ज्यादा परेशानी होती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था कि यदि निजी वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी जाती है तो यात्रियों को सुविधा होगी और राजस्व का अधिक नुकसान नहीं होगा।

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बताया जा रहा है की इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने नीति में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसे देखते हुए विभाग ने यह प्रावधान किया है। यह तय किया गया है कि सड़क बीओटी है (एजेंसी सड़क बनाती है, टोल लेती है और एक निश्चित अवधि के बाद इसे सरकार को सौंपती है) या वार्षिकी प्रणाली (एजेंसी द्वारा सड़क के निर्माण के बाद, समान किश्तों में लागत राशि दी गई)। इन सड़कों पर निजी इस्तेमाल के लिए यात्री वाहनों से टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस संबंध में राज्य सरकार ने टोल टैक्स संबंधी नीति में संसोधन से पहले लोक निर्माण विभाग के द्वारा प्रदेश की 200 सड़कों का सर्वे कराया था। जिसमे पाया गया की सरकार को मिलने वाले टैक्स में 80% टैक्स तो सिर्फ कमर्शियल वाहनों से मिलता है। जबकि, छोटे वाहनों से सिर्फ 20% टैक्स की वसूली हो पाती है। इसी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला किया कि जब इतना कम टैक्स का हिस्सा निजी वाहन से मिलता है तो उन्हें टैक्स से राहत दी जाए। इसके बाद टोल टैक्स संबंधी नीति में नए प्रविधान किए गए। 

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