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किसी ने सच ही कहा है कि ऊपरवाले के घर में देर है, मगर अंधेर नहीं. शादी के 10 सालों बाद तक उषा की गोद सूनी थी और उसे भरोसा नहीं था कि वह कभी मां बन सकेगी. लेकिन, देर से ही सही कुदरत ने एक बार में ही चार बच्चे देकर परिवार को भरा-पूरा कर दिया. एक साथ चार बच्चों के जन्म लेने का यह मामला बिहार के मोतिहारी से जुड़ा है.

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया के शंकर सरैया तनसरिया गांव की महिला ने शादी के दस साल बाद चार बच्चों को जन्म दिया. जन्में बच्चों में तीन लड़के व एक लड़की है. खास बात यह है की प्रसव के समय से पहले सात महीने में हुआ है. वजन कम होने के कारण चारों बच्चे डॉक्टर की निगरानी में हैं. फिलहाल सभी का इलाज नगर थाना चौक के पास शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के यहां हो रहा है. डॉक्टर ने बताया कि चूंकि बच्चों का वजन बहुत कम है ऐसे में उन्हें उच्च चिकित्सा की जरूरत है.

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मन्नत से जन्मी संतानें : जानकारी के अनुसार, शंकर सरैया तनसरिया के किसान चंदन सिंह की शादी के दस साल बाद काफी मन्नत से पत्नी को गर्भ ठहरा. उनकी पत्नी उषा देवी का इलाज शहर की महिला चिकित्सक डॉ ज्योति झा से हो रहा था. उषा नियमित रूप से डॉक्टर की निगरानी में थीं. चंदन ने बताया कि अल्ट्रासाउंड से गर्भ में तीन बच्चे रहने की जानकारी थी, लेकिन सोमवार को प्रसव पीड़ा के बाद उसे अगरवा मोहल्ला स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन हुआ तो चार बच्चों ने जन्म लिया.

समय पूर्व प्रसव के कारण बहुत कमजोर हैं नवजात : ,मीडिया रिपोर्ट की माने तो चारों बच्चे बहुत कमजोर हैं, जिसके कारण शिशु रोग विशेषज्ञ डा सुमित कुमार के नर्सिंग होम में उन्हें भर्ती कराया गया है. बताते चलें कि चंदन के चचेरे भाई अशोक सिंह की पत्नी को भी आठ साल पहले तीन बच्चे हुए थे. चंदन का भाई किसान है. उसके पास इतना पैसा नहीं है कि बच्चों को किसी बड़े अल्पताल में इलाज करा सके. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमित कुमार ने जब उससे कहा कि बच्चों को वेटिंलेटर की जरूरत पड़ सकती है तो वह चिंतित हो गया.

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