620 करोड़ का एक प्रोजेक्ट और दो IPS अधिकारियों का ‘झगड़ा’. ये खबर इन दिनों कर्नाटक के सियासी गलियारों में खासी चर्चा में है. IAS और IPS जमात भी इस ‘झगड़े’ पर चर्चा कर रही है.
यानि मामला काफी संजीदा भी है और पेचीदा भी. आइए बताते हैं इस मामले के बारे में, और ये भी कि कैसे दो अधिकारी आमने-सामने आ खड़े हुए हैं.
मामला क्या है?
बेंगलुरू सेफ सिटी प्रोजेक्ट जिसे निर्भया प्रोजेक्ट भी कहा जा रहा है, इसके लिए शहर में 7500 सीसीटीवी कैमरे लगने हैं. प्रोजेक्ट काफी बड़ा है. सरकार के लिए महत्वपूर्ण भी है.
लिहाजा सभी की निगाहें इस पर लगी हैं. अब कैमरे लगने हैं तो टेंडर प्रक्रिया भी होनी है. और ये वो चीज है, जिसको लेकर अक्सर अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं. खैर.
इस प्रोजेक्ट के लिए जो टेंडर आमंत्रण समिति और टेंडर छंटनी समिति बनी है, वरिष्ठ IPS हेमंत निंबाल्कर उसके अध्यक्ष हैं. उनका कहना है कि किसी ने खुद को गृह सचिव बताते हुए टेंडर से जुड़ी ‘गोपनीय’ जानकारियां मांगीं.