संकटग्रस्त 16 सहकारी बैंकों (कानुपर स्थित पीपल्स कोआपरेटिव बैंक सहित) के ग्राहकों को सोमवार को पांच-पांच लाख रुपये मिलेंगे। यह रकम डिपाजिट इंश्योरेंस कवर स्कीम के तहत दी जाएगी। रिजर्व बैंक आफ इंडिया की सहयोगी संस्था डिपाजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (डीआइसीजीसी) एक नए नियम के तहत यह राशि जारी करेगी। बताते चले की डीआईसीजीसी ने पहले 21 बैंकों की सूची तैयार की थी, लेकिन पांच बैंकों को सूची से बाहर कर दिया गया था. इनमें पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) भी शामिल है. उनके ग्राहकों को 5 लाख रुपये का जमा बीमा कवर नहीं मिलेगा.
आपको बता दें कि ये पांच बैंक या तो विलय की स्थिति में हैं या अब मोरेटोरियम से बाहर आ चुके हैं। इसलिए इन बैंकों के ग्राहकों को पांच लाख रुपये नहीं मिलेंगे। अगस्त में संसद ने डीआइसीजीसी (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाताधारकों को आरबीआइ द्वारा बैंकों पर मोरेटोरियम लागू करने के 90 दिनों के अंदर पांच लाख रुपये तक मिलें। अधिनियम के बाद, सरकार ने 1 सितंबर, 2021 को उस तारीख के रूप में अधिसूचित किया है जिस दिन अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे. अधिसूचित तिथि से अनिवार्य 90 दिन 29 नवंबर, 2021 को पूर्ण हो रहे हैं. तदनुसार, 29 नवंबर के अंत तक खाताधारकों के खाते में पांच लाख रुपये आ जाएंगे.
इन बैंकों के खाताधारकों को मिलेंगे पांच लाख
जानकारी के लिए बता दे की अडूर कोआपरेटिव अरबन बैंक-केरल, सिटी कोआपरेटिव बैंक-महाराष्ट्र, कपोल कोआपरेटिव बैंक-महाराष्ट्र, मराठा शंकर बैंक, मुंबई-महाराष्ट्र, मिलत कोआपरेटिव बैंक-कर्नाटक, पद्मश्री डा. विठल राव विखे पाटिल-महाराष्ट्र, पीपल्स कोआपरेटिव बैंक, कानपुर-उत्तर प्रदेश, श्री आनंद कोआपरेटिव बैंक, पुणे-महाराष्ट्र, सिकर अरबन कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड- राजस्थान, श्री गुरुराघवेंद्र सहकारी बैंक नियमित- कर्नाटक, मुधोई कोआपरेटिव बैंक-कर्नाटक, माता अरबन कोऑपरेटिव बैंक-महाराष्ट्र, सरजेराओदादा नासिक शिराला सहकारी बैंक-महाराष्ट्र, इंडीपेंडेंस कोआपरेटिव बेंक, नासिक-महाराष्ट्र, दक्कन अरबन कोआपरेटिव बैंक, विजयपुर- कर्नाटक और ग्रह कोआपरेटिव बैंक, गुना- मध्यप्रदेश इस सूची में शामिल हैं