प्रस्तावित नगर निगम में ग्राम पंचायत राज जितवारपुर चौथ एवं निजामत को शामिल करने पर ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज करायी है।

इसमें कहा है कि नगर निगम एक्ट 2020 के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए इन दोनों पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ है।

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दोनों पंचायतों का भौतिक सत्यापन बीडीओ एवं सीओ से कराने पर हकीकत पता चल पााएगा। आपत्ति में कहा गया है कि जितवारपुर निजामत पंचायत में कुल 724 हेक्टेयर जमीन है।

इसमें 374 हेक्टेयर जमीन कृषि योग्य भूमि है। शेष जमीन में किसान एवं मजदूरों का आवासीय परिसर है। इसके अलावा मवेशियों का स्थान, गाछी, बांसवाड़ी एवं रेलवे का आवासीय परिसर भी है।

ग्रामीणों ने इसे जबरदस्ती जनता से टैक्स वसूलने के समान बताया है। इस पंचायत में लगभग 500 किसानों को किसान सम्मान निधि एवं लगभग दो हजार से ऊपर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड सरकार द्वारा दिया गया है।

कुल आबादी 10000 में 3500 आबादी रेलवे एवं बिहार सरकार के कर्मचारियों की है।

2011 की जनगणना के आधार पर नगर निगम का प्रस्ताव है। जबकि 20 21 की जनगणना प्रक्रियाधीन है ।

प्रतिवर्ष 2 फीसद आबादी वृद्धि के दर से लगभग 20 21 की जनगणना में बीस फीसद आबादी बढ़ने की संभावना है।

ग्रामीणों ने अधिकारियों के स्तर पर ही इन पंचायतों का भौतिक सत्यापन कराने और इस पंचायत की सीमा में बसे रेलवे एवं बिहार सरकार के कार्यालय तथा आवासीय परिसर को नगर निगम में शामिल करते हुए शेष मूल आबादी वाले ग्रामीण इलाकों को नगर परिषद से बाहर रखने का अनुरोध किया है।

प्रेषित आपत्ति में जितवारपुर निजामत पंचायत वार्ड 13 के उमेश राय, अरुण कुमार राय, नगीना दास समेत दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं।

Posted by Raushan Kumar

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