किसी इंसान के सितारे जब बुलंदी पर होते हैं, तब वह नई बुलंदियों को छूता है। ऐसी ही कहानी है चेन्नई के रहने वाले जयावेल की।

उन्होंने सड़क पर भीख मांग कर अपना गुजरा किया था, मगर उनकी किस्मत ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि आज वह युनाइटेड किंगडम में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, कैसे मिला जयावेल को युनाइटेड किंगडम में पढ़ाई करने का मौका।

सड़क से युनिवर्सिटी तक का सफर

जयावेल जब मात्र 3 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और उनकी माता को शराब की लत लग गई, जिस वजह से वह बच्चों का ध्यान नहीं रख पाती थीं।

सिर पर मां-बाप का साया नहीं होने के कारण बच्चे दर-दर भटकने और भीख मांगने पर मजबूर हो गए।

ट्रस्ट ने बदल दी जिंदगी

कहते हैं, जब ऊपर वाला साथ होता है, तब जिंदगी में ऐसे इंसान जरूर आते हैं, जो जिंदगी बदलने में मदद करते हैं।

ऐसा ही हुआ जयावेल के साथ। सुयम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक उमा और मुथुराम ने जयावेल और उनके परिवार की जिंदगी ही बदल दी।

उमा और मुथुराम ने तीनों भाई बहनों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली और सिरगु मांटेसरी स्कूल में एडमिशन करवा दिया।

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