शहर में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है। गलियां हों या मुख्य मार्ग, कोना-कोना कूड़ा-कचरा व गंदगी से बजबजा रहा है। यूं तो नगर परिषद द्वारा रोजाना कचरे का उठाव किया जाता है, लेकिन यह नाकाफी दिख रहा।

बीते पांच दिनों से नगर परिषद दैनिक सफाई कर्मियों की हड़ताल से साफ सफाई की पूरी व्यवस्था बेपटरी हो गई है। नालों के दूषित पानी में कचरे उपला रहे हैं। कई जगह आउटलेट जाम है।

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इससे आने जाने लोगों की फजीहत हो रही है। दुर्गंध के कारण लोग नाक पर रुमाल रखकर रास्ता पार करते हैं। शहर के अंदर जिधर भी देखेंगे कूड़े ही नजर आएंगे, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति काफी खराब है।

शहर के मोहनपुर रोड, ताजपुर रोड, बीएड कॉलेज, काशीपुर, सोनवर्षा चौक, गणेश चौक, बंगाली टोला, स्टेशन रोड, स्टेशन चौक, पुरानी पोस्ट आफिस चौक, रामबाबू चौक आदि जगहों पर कूड़े का ढेर है।

कूड़े के ढेर से सड़ांध परेशान करती है। सड़क पर चलने वाले तथा आसपास के दुकानदार बदबू से त्रस्त हैं।

हर रोज 20 टन होता है कचरे का उठाव

शहर में प्रत्येक वार्डों से प्रतिदिन लगभग 10 टन कचरे का उठाव किया जाता है। इसे फेंकने के लिए केंद्रीय विद्यालय के पीछे और कृष्णापुरी में डंपिग ग्राउंड बने हैं। कचरा निस्तारण के लिए उपकरण भी लगाए गए हैं।

नगर परिषद द्वारा गंदगी से निपटने के लिए प्रतिमाह लगभग पांच लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। साफ-सफाई के लिए नगर परिषद अंतर्गत 29 वार्डों में जमादार व सफाई कर्मी भी नियुक्त किए गए हैं।

प्रत्येक घरों में सूखा और गीला कचरा निकालने के लिए अलग अलग डस्टबिन भी वितरण किए गए। लगभग 300 दैनिक सफाई कर्मी डोर टू डोर कचरे का उठाव करते हैं।

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