बिहार के लोगों का एक बहुत बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है | क्योंकि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना बिहार के मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर बस कुछ ही दिनों बाद मतलब दो महिना बाद बिहार के लोग इस पूल पर पैदल आवागवन कर सकते है | और उसके कुछ दिनों बाद लोग इस पूल से अपने वहां यानि गाड़ी साइकिल के माध्यम से भी पास कर सकते है | और बिहार में बन रहे इस प्रोडक्ट के मेनेजर ने बताये है की आने वाले 25 दिसम्बर 2021 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की अवतरण दिवस पर इसे राष्ट्र के नाम समर्पित करने की बात चल रही है |

वहीँ पंजाब की राजधानी हरियाणा की बड़े कंपनी सिंगला के प्रोडक्ट मेनेजर के अनुसार बिहार के मुंगेर रेल सह-सड़क पुल के संपर्क पथ का निर्माण लगभग – लगभग आखिरी चरण में पंहुच गया है | इसी बीच बिहार में एक समस्या कड़ी हो गयी | वह समस्या है बिहार में भूमि अधिग्रहण की | बिहार में भूमि अधिग्रहण की समस्या के चलते काम भी बहुत प्रभावित हुआ | आपको बता दे की बिहार में यह समस्या आने के बाद भी पुल के दोनों तरफ लगभग – लगभग 14.5 किलोमीटर पथ का निर्माण हो गया है | वहीँ एनएच 31 तक 5.133 किलोमीटर एवं पुल के दक्षिणी बिहार के मुंगेर की ओर 9.39 किलोमीटर लंबी एवं 60 मीटर चौड़ी एनएच 333 के निर्माण के लिए कुल छोटे-बड़े 19 छड़ गिट्टी और बालू के मदद से ढली पिलर का निर्माण किया गया। बताया जा रहा है की बिहार में चल रहे इस पुरे पथ निर्माण में लगभग लगभग सात सौ करोड़ की खर्च आई है |

चलते चलते बता दे की आज से लगभग 19 वर्ष पहले इस रेल सह सड़क पुल का आधारशिला (नीव) उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने रखा था | और इस का काम केने के लिए 2011 तक का लक्ष्य रखा गया था लेकिन उसके बाद कुछ समस्या होने की वजह से ये रेल पुल सह सड़क की काम आज तक पूरा नही हो पाया है |

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