जिंदगी और मौत से जूझ रही एक अनजान महिला के लिए बिहार पुलिस के चार जवान फरिश्ता बनकर पहुंचे और उसकी जान बचा ली।

पटना के पारस हॉस्पिटल में 56 दिनों से भर्ती महिला ब्रेन स्ट्रोक के बाद से खून की कमी से जूझ रही थी। डॉक्टरों के अनुसार खून की कमी के चलते उसकी जान खतरे में थी।

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खून देने वाले इन चार जवानों ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है जो बिहार पुलिस के प्रति लोगों की सोच बदलने वाली है। सब इंस्पेक्टर मनीष कुमार, सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार, हेड कांस्टेबल रंजीत सिंह और कांस्टेबल अजीत कुमार जब रक्तदान करने के लिए पारस हॉस्पिटल पहुंचे तो लोग उनका चेहरा देख रहे थे।

अस्पताल स्टाफ को लगा कि पुलिस किसी मामले की जांच के लिए आई है, जब इन पुलिसकर्मियों ने बताया कि वे एक जरूरतमंद मरीज के लिए रक्तदान करने आए हैं, तो वे चौंक गए।

भले ही वर्दी पहनते हो लेकिन हम भी इंसान हैं

पुलिस के जांबाजों ने कहा कि भले ही हम खाकी पहनते हैं, लेकिन हम भी इंसान हैं। सब इंस्पेक्टर मनीष कुमार अब तक 23 बार रक्तदान कर लोगों की जान बचा चुके हैं।

वे बताते हैं कि जब भी किसी जरूरतमंद को खून की जरूरत होती है, मैं पहुंच जाता हूं। ऐसा ही भाव सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार कुमार का है, वे अब तक 11 बार रक्तदान कर चुके हैं। हेड कांस्टेबल रंजीत सिंह और कांस्टेबल अजीत कुमार का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है।

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