बिहार में जमीन मालिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. नीतीश सरकार ने भूमि माफियाओं से बचाने के लिए बड़ा उपाय निकाला है. वैसे भूमि माफियाओं के लिए ये बुरी खबर है, जो फर्जी कागज़ बनाकर दूसरों की जमीन हड़प लेते हैं और उसे किसी और से बेच देते हैं|

अब उनकी दादागिरी नहीं चलने वाली है क्योकि सरकार ने एक सीए सिस्टम बनाया है, जिससे धोखाधड़ी करना आसान नहीं होगा|

Also read: Bihar Metro Train: राजधानी पटना सहित बिहार के 4 जिलों में भी बहुत जल्द दौड़ेगी मेट्रो, जाने कब से शुरू होगा निर्माण कार्य

दरअसल नीतीश सरकार जमीन विवादों को खत्म कर अपराध रोकने की एक नई व्यवस्था करने जा रही है. सरकारी स्तर पर जमीन के दस्तावेजों की खोज के लिए नई व्यवस्था अमल में लाई जा रही है|

कोई भी व्यक्ति अब बस एक क्लिक में ही जमीन से जुड़े दस्तावेज आसानी से देख सकेंगे. बस एक क्लिक करने ही जमीन के सौ साल के पुराने रिकार्ड को भी देखा जा सकता है, जिससे फर्जी कागज बनाकर सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा करना अब कठिन हो जायेगा|

राज्य सरकार के इस नई व्यवस्था से जमाबंदी पंजी का पुराना रिकार्ड गायब होने का बहाना भी नहीं चलेगा. इतना ही नहीं भूदान की जमीन न तो रिकार्ड से गायब होगी और न ही एक ही जमीन का दो बार पर्चा बंटेगा|

साथ ही सरकारी जमीन की पैमाइश बार-बार कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. सरकार जमीन से जुड़े अभिलेखों को व्यवस्थित व सुरक्षित रखने के लिए उन्हें डिजिटाइज्ड एवं स्कैन करा रही है|

नई व्यवस्था में डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग की कार्रवाई इस प्रकार होगी कि भविष्य में सॉफ्टवेयर के माध्यम डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम और रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम के सॉफ्टवेयर द्वारा उन्हें ट्रैक किया जा सके|

नए सिस्टम में कैडेस्ट्रल सर्वे खतियान, रिविजनल सर्वे खतियान, चकबन्दी खतियान, राजस्व ग्राम मानचित्र, जमाबंदी पंजी (डिजिटाइज्ड), नामांतरण पंजी, नामांतरण अभिलेख, नामांतरण शुद्घि पत्र की मौजावार रक्षी पंजी, भूमि बंदोबस्ती पंजी, गैरमजरूआ आम फीड होंगे. इसके साथ ही खास व कैसरे हिन्द भूमि पंजी, भू-हदबंदी भूमि बंदोबस्ती पंजी, भू-हदबंदी अभिलेख, भूमि क्रय पंजी,

वासगीत पर्चा अभिलेख पंजी, वासगीत पर्चा अभिलेख, राज्य सरकार द्वारा निर्गत हुए पत्रों/परिपत्रों/संकल्प/अधिसूचना की रक्षी संचिका, गृह स्थल बंदोबस्ती पंजी एवं अभिलेख, भूमि मापी पंजी एवं अभिलेख, भू-सम्पदा पंजी, सैरात पंजी, भूमि अतिक्रमण वाद पंजी एवं अभिलेख, भू-दान, भूमि लगान निर्धारण एवं बन्दोबस्ती पंजी तथा अभिलेख, महादलित भूमि क्रय एवं बन्दोबस्त पंजी एवं अभिलेख,

सैरात बन्दोबस्ती पंजी एवं अभिलेख, वाद का पंजी एवं अभिलेख तथा गैरमजरूआ आम खास (मालिक)/कैसरे हिन्द/धार्मिक न्यास/वक्फ बोर्ड/कब्रिस्तान/श्मशान आदि के भूमि से संबंधित पंजी भी सिस्टम में फीड की जाएगी|

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.