गाजियाबाद की पॉक्सो अदालत ने ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पड़ोसी मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा सुनाई है।

अदालत ने मासूम के साथ दुष्कर्म, हत्या और शव को छुपाने जैसी जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा दी है।

अभियुक्त को डेढ़ लाख का अर्थदंड भी देना होगा। अदालत ने सुनवाई शुरू होने के मात्र 31 दिन में ही सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाया है।

पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद दोषी अभियुक्त चंदन पांडेय को फांसी की सजा और अर्थदंड सुनाया।

अर्थदंड की राशि में से आधी राशि पीड़ित परिवार को देने के आदेश भी दिए। विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि उन्होंने अभियुक्त चंदन के लिए फांसी की सजा की अपील की थी।

अदालत ने मासूम बच्ची के साथ जघन्य अपराध को क्रूरतम अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई। वत्स ने बताया कि 19 अक्टूबर की घटना थी। अदालत में 19 दिसंबर को आरोप पत्र पेश होने के बाद सुनवाई शुरू हुई।

त्वरित सुनवाई के बाद मात्र 31 दिन में मामले में सजा सुनाई गई। दो दिन पहले ही चंदन को दोषी ठहराया गया था।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान हुए। इससे पीडित परिवार को चंद दिनों में न्याय दिलाने में अहम भूमिका रही।

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