मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सोमवार को जनता दरबार (janata darbar) में लोगों की शिकायतें और समस्याएं सुन रहे हैं। मुजफ्फरपुर से आया एक फरियादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सामने जोर- जोर से रोने लगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने युवक को शांत रहने के लिए बोला और कहा कि आप अपनी समस्या बताएं। इस पर फरियादी ने कहा कि निबंधन विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। एक-एक कागज निकालने पर 10-10 हजार रुपये लेते हैं। डीसीएलआर कार्यालय और निबंधन विभाग में बिना पैसे का काम नहीं होता। जब हमने कहा कि हम जा रहे हैं मुख्यमंत्री से शिकायत करने। तब अधिकारियों और कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री क्या प्रधानमंत्री के यहां चले जाओ, कुछ नहीं होने वाला।

युवक की बात सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तुरंत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Department of Revenue and Land Reforms) के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और कहा कि इस मामले को तुरंत दिखवाइए। फोन पर ही सीएम नीतीश ने कहा कि हमारे पास युवक शिकायत लेकर आया है कि जनता दरबार जाने की बात कहने पर वहां का अधिकारी कहता है कि प्रधानमंत्री के यहां जाओ। यह कह रहा कि बिना पैसे का कुछ नहीं होता। इसकी जांच करवाइए और कार्रवाई करिए। वहीं जमुई से आये एक शख्स ने मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्री के एक रिश्तेदार पर जमीन कब्जा का करने आरोप लगाया। युवक ने जनता दरबार में कहा कि जमुई में हमारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। उस शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि पूर्व मंत्री दामोदर रावत के साले ने दबंगई कर जमीन कब्जा कर लिया है। पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को इस मामले को देखने को कहा। 

इसके अलावा एक पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। मोतिहारी के पताही से आये एक पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पति को साजिश के तहत हत्या के एक मुकदमे में फंसा दिया गया है। वहां के स्थानीय डीएसपी की विरोधियों से मिलीभगत है। मुख्यमंत्री ने महिला को डीजीपी से पास भेज दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप वहां जाकर पूरी बात बताइए, वो इस मामले को देखेंगे। नवादा से आये एक शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि रजौली के डीएसपी और इंस्पेक्टर की शराब माफियाओं से मिलीभगत है। माफियाओं से मिलकर हमें झुठे केस में फंसा दिया है। हर रविवार को डीएसपी-इंस्पेक्टर सरकारी गाड़ी से कोडरमा (झारखंड) जाते हैं। इसकी जांच कराइए। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को डीजीपी के पास भेज दिया। 

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