बिहार में मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत स्कूली बच्चे अब जीविका समूह और उद्यमिता विकास से संबद्ध क्लस्टर्स से ही पोशाक की खरीद करेंगे।
यह समूह राज्य में उत्पादित कपड़ों का उपयोग पोशाक सिलाई के लिए करेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र से यह लागू होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि योजना के तहत पहले की तरह ही पोशाक की राशि पहली से 12 वीं कक्षा के बच्चों के खाते में भेज दी जाएगी।
उस राशि से बच्चे सिले हुए दो पोशाक जीविका समूह अथवा उद्यमिता विकास से संबद्ध क्लस्टर्स से खरीदेंगे।
इसके लिए शिक्षा, उद्योग, ग्रामीण विकास और वित्त विभाग मिलकर मार्गदर्शिका तैयार करेंगे। उसी के आधार पर बच्चे पोशाक की खरीद करेंगे।
पहले वे बाजार से इसकी खरीद करते थे। राज्य सरकार के इस फैसले से स्थानीय उत्पादक कंपनी के साथ-साथ जीविका से जुड़ी महिलाओं की आय बढ़ेगी।