विश्व की नंबर 1 तीरंदाज़ दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) के नाम से दुनिया परिचित है. दीपिका कुमारी से पूरे देश को पदक की उम्मीदें हैं. दीपिका कुमारी और उनके पति अतनु दास की जोड़ी को कपल गोल्स घोषित कर दिया गया. दीपिका परिवार के माता-पिता के बारे में जानते हैं?
पिता अब भी गर्व से ऑटो चलाते हैं और परिवार का पोषण करते हैं.
ANI के मुताबिक़, वर्ल्ड नंबर 1 आर्चर दीपिका कुमारी के पिता, शिवनारायण महते अब भी शान से ऑटोरिक्शा चलाते हैं.
कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता: शिवनारायण महतो
शिवनारायण ने आगे कहा कि जो ऑटोरिक्शा वो चलाते हैं उसका उनकी बेटी के सफ़र में बहुत अहम योगदान रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि वो ये काम करते रहेंगे. शिवनारायण के बच्चे भी उन्हें काम करने से नहीं रोकते और काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
ANI से बात-चीत में दीपिका कुमारी की मां, गीता महतो ने कहा,
“मुझे अपनी बेटी और दामाद दोनों पर गर्व है. दोनों अपनी अपनी कैटगिरी में स्पर्धा कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वो देश के लिए स्वर्ण पदक लाएंगे.”
दीपिका कुमारी की मां, रांची मेडिकल कॉलेज में नर्स हैं.
बचपन में आम पर पत्थर से निशाना लगाने वाली दीपिका से देश को पदक की उम्मीद
दीपिका कुमारी ने 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में 2 स्वर्ण पदक जीते, एक एकल प्रतियोगिता में और दूसरा विमेन्स टीम रिकर्व इवेंट में. 2010 के एशियन गेम्स में दीपिका ने कांस्य जीता. 2011 वर्ल्ड कप में दीपिका ने 4 रजत पदक अपने नाम किए. 2014 Wroclaw Archery World में दीपिका ने टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीता, 2015 विश्व आर्चरी चैंपियनशिप्स में दीपिका की टीम रनर अप ही.