पटना मेट्रो का इंतजार करते करते हमारे आंखें थक गई हैं। अभी तक मात्र 3 परसेंट काम हुआ है। आपको बता दें कि पटना मेट्रो का काम अब रफ्तार पकड़ रहा है।लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (LNT) को दो सुरंग और 6 अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी राजेंद्र नगर में अंडरग्राउंड रैंप और राजेंद्र नगर से आकाशवाणी तक छह अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण करेगी। ये कॉरिडोर-II का हिस्सा है।
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के जनरल कंसल्टेंट के तौर पर नियुक्त दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) ने बताया कि एलएंडटी ने कॉरिडोर II को लेकर लगाई गई वित्तीय बोली में सबसे कम बिड किया। ये कॉरिडोर पटना जंक्शन से नए आईएसबीटी तक 14.5 किमी लंबा है। इस दौरान वित्तीय बोली में चार कंपनियों ने हिस्सा लिया था।
7.9 किमी लंबे अंडरग्राउंड हिस्से में राजेंद्र नगर, मोइन-उल-हक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी में एंट्री/एग्जिट और कनेक्टिंग सबवे के साथ स्टेशन होंगे। इसमें वास्तुशिल्प, वाटर सप्लाई, स्वच्छता और जल निकासी के कार्य शामिल हैं।
एलएंडटी फर्म 42 महीनों में करीब 1,958 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करके जुड़वा सुरंग, अंडरग्राउंड रैंप और स्टेशनों का डिजाइन और निर्माण करेगी। राज्य के शहरी विकास और आवास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भूमिगत रैंप राजेंद्र नगर और मलाही पकरी स्टेशनों के बीच एक लिंक बनाएगा। ये रैंप मेट्रो को कॉरिडोर II के अंडरग्राउंड सेक्शन से एलिवेटेड स्ट्रेच तक ले जाएगा। डीपीआर के अनुसार, एलिवेटेड स्ट्रेच मलाही पकरी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल या आईएसबीटी तक लगभग 6.6 किमी है।
डीएमआरसी ने अभी तक पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ बिड की डीटेल्स साझा नहीं किया है। इस बीच, बेंगलुरु की एक कंपनी ने मलही पकरी से आईएसबीटी तक कॉरिडोर II के 6.1 किमी एलिवेटेड स्ट्रेच का निर्माण शुरू कर दिया है। इसमें पांच स्टेशन शामिल हैं – मलाही पकरी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और आईएसबीटी। इस खंड को प्रायरिटी कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है।