पटना में 426 रुपये खनन सेस के आधार पर 100 सीएफटी बालू बंदोबस्तधारी को देना होता है। लाइसेंसधारी कंपनी के बंदोबस्त अवधि में खनन छोडऩे के कारण सरकार को करीब 88 करोड़ का राजस्व क्षति हुआ है। अब क्षतिपूर्ति के लिए 424 रुपये का बालू 4026 रुपये प्रति 100 सीएफटी की दर से बिक्री करेगा। यह बिक्री खनन विभाग से भंडारण का प्रपत्र (के) लाइसेंसी करेंगे। जिले में सोन नद के किनारे करीब 30 जगहों पर खनन पट्टाधारी ब्राडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने जमा कर रखा है। नोटिस के बाद भी पट्टाधारी द्वारा बकाया राशि भुगतान नहीं किए जाने के कारण भंडारित बालू को जब्त कर लिया गया है। बिक्री के लिए आइडी और पासवर्ड विभाग ने लाक कर दिया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, सरकार ने बालू खनन के लिए प्रति 100 सीएफटी 426 रुपये खनन सेस जमा करना होता है। खनन घाट पर लदाई और परिवहन शुल्क अलग से लिया जाता है। जून से सितंबर तक नदी में बालू का खनन बंद होने के कारण भंडारण लाइसेंसी द्वारा बिक्री की जा रही है। जिले में करीब 64 भंडारण लाइसेंसी हैं जिसमें करीब 30 लाइसेंस पट्टाधारी का है।
बालू का भंडारण और बिक्री का लाइसेंस कोई भी व्यक्ति अथवा फर्म ले सकता है। इसके लिए विभाग को 10 हजार रुपये शुल्क देना होगा। लाइसेंस का नवीकरण हर साल कराने के लिए 2000 रुपये शुल्क देना होता है।
लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज
खनन विभाग के वेबसाइट पर लाइसेंस के लिंक दिया गया है। लिंक पर पहला पन्ना पंजीयन का है। इसमें नाम, पता, पहचान पत्र, मोबाइल और मेल आइडी देना अनिवार्य है। सफलता पूर्वक पंजीयन के बाद दस्तावेज की बारी आएगी। भंडारण स्थल का कागजात देना होगा। अपनी जमीन है तो दाखिल-खारिज और मालगुजारी रसीद यदि किराए पर लिया है तो लीज की प्रति देना होगा। भंडारण स्थल का फोटा और नक्शा देना होगा। 10 हजार रुपये शुल्क के साथ सभी दस्तावेज सही रहे तो विभाग आनलाइन ही लाइसेंस जारी कर देगा।