औद्योगिक विकास के लिए बिहार सरकार इथेलॉन पॉलिसी के बाद टेक्सटाईल और लेदर पॉलिसी बनाने जा रही है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इसका ऐलान किया है। शाहनवाज हुसैन ने इसके साथ ही बिहार में 5 मिनी फूड पार्क भी बनाने की बात कही है। बिहार में बेहाल उद्योग क्षेत्र को पटरी पर लाने के लिए सरकार ये कोशिशें करने जा रही है।
टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की है तैयारी
बिहार में उद्योगों के विकास की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया गया था। इस वेबिनार में ही शाहनवाज हुसैन ने उद्योग क्षेत्र के लिए आनेवाली पॉलिसी की जानकारी दी। इससे पहले बिहार में इथेनॉल पॉलिसी बन चुकी है।
उद्योग मंत्री के दावों के अनुसार बिहार में अबतक 6199 करोड के निवेश का प्रस्ताव आ चुका है। ऑक्सीजन उत्पादन पॉलिसी और इथनॉल पॉलिसी के बाद अब बहुत जल्द टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की तैयारी की जा रही है। किशनगंज का पांजीपाड़ा चमड़ा उद्योग का गढ़ है। यहां से देश के साथ-साथ विदेशों में भी चमड़ा भेजा जाता है। उद्योग विभाग लेदर प्रोसेसिंग यूनिट हब बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
बिहार में 5 मिनी फूड पार्क भी होंगे तैयार
उद्योग मंत्री की मानें तो मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में 400 करोड़ के मेगा फूड पार्क के बाद अब 5 मिनी फूड पार्क भी बिहार को मिलना तय हो गया है। उन्होंने कहा कि “केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके आग्रह के बाद बिहार को कम से कम 5 मिनी फूड पार्क मिलना तय हो गया है। बिहार के सभी प्रमंडलों में खुलनेवाले इस फूड पार्क में कम से कम 5 औद्योगिक यूनिट्स खुलेंगी और इसके चयन के लिए स्थानीय कृषि उत्पादों को ध्यान में रखा जाएगा।
निवेश से जुड़े ज्यादातर प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग से जुडे़
बिहार फल, सब्जी, मक्का, गन्ना जैसे कृषि उत्पादों में अग्रणी राज्य है। इस वजह से यहां कृषि आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। मंत्री शाहनवाज हुसैन के मुताबिक बिहार में 6199 करोड़ के जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं उनमें से 4616 करोड़ रुपए के यानी 74% निवेश प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों का भी ब्रेकअप देखें तो उसमें 3071 करोड़ रुपये यानी 67% निवेश प्रस्ताव इथेनॉल उत्पादन से जुड़े हैं।