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संसद के दोनों सदनों में बीते 19 जुलाई से मानसून सत्र शुरू हुआ. पिछेल साल कोविड-19 की पहली लहर के बाद से ये पहला सत्र है जब सारे सांसद, संसद में इकट्ठा हुए. सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था के साथ ही कई बातों पर बहस हुईं. 20 जुलाई को राज्य सभा राष्ट्रीय जनता दल (RJD ) सांसद, प्रोफ़ेसर मनोज कुमार झा अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए.

भाषण के शुरुआत में प्रोफ़ेसर मनोज ने कहा कि वो कोई भाषण देने के लिए नहीं खड़े हुए बल्कि एक नागरिक या जन प्रतिनिधि की तौर पर कुछ बातें कहने के लिए खडे़ हुए हैं. प्रोफ़ेसर मनोज ने मृतकों से माफ़ी मांगी. बता दें कि केन्द्र सरकार ने राज्य सभा में कहा था कि दूसरी लहर में ऑक्सिजन की कमी से मारे गए लोगों का कोई डेटा नहीं है. किसी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश ने कोई डेटा नहीं दिया है.

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‘एक व्यक्ति नहीं है इस देश में, इस सदन में, सदन के बाहर, उस सदन में जो ये कहे कि उसने किसी जानने वाले को न खोया हो.’, प्रोफ़ेसर मनोज ने कहा.

सांसद ने ऑक्सीजन के लिए मदद मांगने वाले फ़ोन कॉल्स का भी ज़िक्र किया और कहा कि वो मदद नहीं कर पाए.

‘मैं 70 साल में जाना ही नहीं चाहता. ये कलेक्टिव फ़ेलियर है, 47 से लेकर अब तक की सारी सरकारों का.’, प्रोफ़ेसर मनोज ने कहा.

भाषण के दौरान ही प्रोफ़ेसर मनोज कुमार झा ने Right To Health अधिकार की बात कही और सवाल किया, 

‘Right To Health की बात क्यों नहीं करते हम लोग?’

स्वास्थ्य के अधिकार को सांवैधानिक तौर पर गारंटी दिलाने की बात कही प्रोफ़ेसर मनोज ने. इसके अलावा ‘Right To Work’ की भी बात कही. अपने भाषण में प्रोफ़ेसर मनोज ने ये भी कहा कि जब लोग सांसद की नहीं सुन रहे तो आम लोगों की कौन सुनेगा?

यहां देखिए पूरा वीडियो- 

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.